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बीज की कमी: बीज की कमी बनी परेशानी, सरकारी संस्थाओं पर भी नहीं तो बाजार पर निर्भर

locationअशोकनगरPublished: Jun 27, 2022 09:30:35 pm

Submitted by:

Arvind jain

किसानों से 5 हजार रु.में खरीद रहे सोयाबीन, बीज में वही 8 हजार रु. में बिक रहा

lack of seeds

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अशोकनगर. बीज की कमी इस बार किसानों की परेशानी बनी हुई है। सरकारी संस्थाओं पर भी बीज उपलब्ध नहीं है, इससे बीज की व्यवस्था बाजार पर निर्भर है। स्थिति यह है कि किसानों से जो सोयाबीन 5 हजार रुपए क्विंटल में खरीदा जा रहा है, वही सोयाबीन किसानों को बीज के नाम पर 8 हजार रुपए क्विंटल में बेचा जा रहा है। इससे किसान मजबूरी में मंहगी रेट पर बीज खरीदते दिख रहे हैं।
कृषि मंडी में फुटकर अनाज खरीदने वाले दुकानदार ढ़ेर लगाकर उड़द व सोयाबीन का बीज 8 हजार रुपए क्विंटल में बेच रहे हैं। यही दुकानदार मंडी में आने वाले किसानों से फुटकर में 3400 से 6 हजार रुपए क्विंटल में सोयाबीन और 2800 से 4900 रुपए क्विंटल रेट पर उड़द खरीद रहे हैं। इसी अनाज को साफ करके वह मंडी में ढ़ेर लगा लेते हैं और बीज की जरूरत वाले किसानों को यही उड़द-सोयाबीन 8 हजार रुपए क्विंटल में दिया जा रहा है। वहीं बाजार में दुकानों पर 10 हजार रुपए क्विंटल कीमत पर सोयाबीन बीज बिक रहा है, किसानों का कहना है कि फसल आते समय साढ़े तीन हजार क्विंटल में अनाज बिकता है और बीज तीन गुना रेट में मिलता है।
बीज निगम: पिछले साल फसल बर्बाद तो बीज भी नहीं बचा-
कृषि विभाग के मुताबिक इस बार बीज निगम के पास बीज उपलब्ध नहीं है, पिछले साल अतिवृष्टि से जिले में उड़द-सोयाबीन नष्ट हो गया था, इससे बीज निगम के बीज उत्पादक किसानों की भी फसल बर्बाद हो गई थी। नतीजतन जिले में बीज निगम के पास भी बीज उपलब्ध नहीं है। इससे किसानों को सर्टिफाइड बीज नहीं मिल पा रहा है और बिना सर्टिफाइड बीज भी मंहगे दामों पर मिल रहा है। लेकिन खेतों की बोवनी करने किसान मजबूरी में मंहगा बीज खरीद रहे हैं।
बोवनी: जिले में 10 फीसदी हो चुकी बोवनी-
जिले में इस बार 3.09 लाख हेक्टेयर में खरीफ सीजन की फसलों की बोवनी होना है। जिले में इस खरीफ सीजन का बोवनी का काम चल रहा है, कृषि विभाग के मुताबिक जिलेभर में करीब 10 फीसदी बोवनी अब तक हो चुकी है। हालांकि किसानों की मानें तो मुंगावली क्षेत्र में कई गांवों में 80 फीसदी से अधिक रकबे में फसलों की बोवनी हो चुकी है। हालांकि जिले में अभी 90 फीसदी रकबे में बोवनी होने का काम शेष है।
यह भी खास-
– पिछले साल अतिवृष्टि से उड़द-सोयाबीन की फसल नष्ट हो जाने की वजह से इस बार बीज की कमी की समस्या बनी है।
– कई किसान अन्य जिलों से बीज खरीदकर ला रहे हैं, ताकि समय पर खेतों की बोवनी की जा सके व खेत खाली न रहें।
– कृषि विभाग ने अब तक बीज, दवा व उर्वरक दुकानों से करीब 25 सेंपल लिए हैं, जिनको जांच के लिए भेजा गया है।
स्पीक आउट-
जो बीज पिछले सालों में पांच हजार रुपए में आ जाता था, वही उड़द का बीज 8 हजार रुपए में मिल रहा है और वह भी बिना सर्टिफाइड। नहीं खरीदेंगे तो बोवनी नहीं हो पाएगी, इसलिए मजबूरी में खरीदना पड़ रहा है।
निर्मलसिंह, किसान अखाईटप्पा
8 हजार रुपए क्विंटल की रेट पर फुटकर अनाज दुकानदार से बीज खरीदा है, दुकानदार किसानों से खरीदकर ही बेच रहे हैं, मंहगे दाम पर बीज मिल रहा है।
लालू यादव, किसान खिरियादेवत
वर्जन-
पिछली बार बारिश से खराब हो जाने की वजह से बीज निगम पर भी बीज उपलब्ध नहीं है, हमने पहले ही किसानों को कह दिया था कि बीज अंकुरण देखकर किसानों से बीज खरीद लें, ज्यादातर ने व्यवस्था कर ली है। जिले में अब तक 10 फीसदी बोवनी हो चुकी है।
केएस केन, उपसंचालक कृषि विभाग अशोकनगर
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