अशोकनगर

एट्रोसिटी एक्ट का विरोध करने कलेक्ट्रेट पहुंची महिलाएं

एट्रोसिटी एक्ट का विरोध करने कलेक्ट्रेट पहुंची महिलाएं

अशोकनगरSep 11, 2018 / 02:02 pm

दीपेश तिवारी

एट्रोसिटी एक्ट का विरोध करने कलेक्ट्रेट पहुंची महिलाएं

अशोकनगर@अरविंद जैन की रिपोर्ट…

एट्रो सिटी एक्ट का विरोध करने मंगलवार को बड़ी संख्या में सामान्य अल्पसंख्यक पिछड़ा वर्ग की महिलाएं नारेबाजी करते हुए रैली के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंची। काफी देर तक नारेबाजी करने के बाद डिप्टी कलेक्टर ज्ञापन लेने पहुंचे लेकिन महिलाएं कलेक्टर को ही ज्ञापन देने की बात पर अड़ गई। डिप्टी कलेक्टर महिलाओं को समझाकर जनसुनवाई में भी ले गए लेकिन महिलाओं ने वहां भी ज्ञापन नहीं दिया और कलेक्टर को ज्ञापन देने की मांग करते हुए कलेक्ट्रेट गेट पर धरने पर बैठ गई।

महिलाओं के गेट पर धरने पर बैठ जाने से जनसुनवाई में पहुंचने वाले लोगों को समस्या का सामना करना पड़ा सूचना पर बड़ी संख्या में पुलिस बल भी कलेक्ट्रेट पहुंच गया SDM सहित अन्य अधिकारी भी महिलाओं को समझाए देने आए कलेक्टर मैडम चुनाव आयोग की BC में बैठी हुई हैं। लेकिन महिलाएं कोई भी बात मानने को तैयार नहीं हुई और वह आधे घंटे से कलेक्ट्रेट गेट पर ही धरने पर बैठ कर नारेबाजी कर रहे हैं।

महिलाओं ने बताया कि एससी एसटी एक्ट के माध्यम से सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय के विपरीत जो संशोधन कर केंद्र सरकार द्वारा अध्यादेश लाया गया है। उस उस से एक को और जटिल कर दिया है। जिसमें बिना जांच के गिरफ्तारी व जमानत का कोई प्रावधान नहीं है। जो सर्व समाज के साथ अन्याय व संवैधानिक है। इस एक्ट में संशोधन के बाद से एससी एसटी एक्ट का दुरुपयोग किया जाएगा। झूठी शिकायतें कर सर्व समाज पर मुकदमा दर्ज करवाया जाने और झूठी प्रथा जाने की धमकियां भी दी जाए इस समाज का परिवार व्यक्तित्व चिंतित है।

सेक्टर में जो संशोधन किए गए हैं वह अन्याय पूर्ण नहीं है केंद्र सरकार के इस निर्णय से व्यथित होकर हम सर्व समाज की महिलाएं नारी शक्तियां एससी एसटी एक्ट का पुरजोर विरोध करती हैं। हमारी शक्तियां सर्व समाज की सुरक्षा के लिए महामहिम जी का ध्यान आकर्षित कराना चाहती हैं। महिलाओं का कहना था कि क्या सर्व अल्पसंख्यक पिछड़ा एवं सामान्य वर्ग समाज का परिवार इस भारत देश का नागरिक नहीं है। क्या इन समाजों को संविधान में समान अधिकार प्राप्त नहीं है। एससी एसटी एक्ट संशोधन बिल के तहत किसी व्यक्ति को सजा होने के बाद यदि वह निर्दोष साबित होता है तो उस शिकायतकर्ता के खिलाफ कार्रवाई करने के क्या प्रावधान हैं।

निर्दोष अल्पसंख्यक पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य वर्ग यदि सजा काटता है, तो उसकी जवाबदारी किसकी होगी। क्या उसकी कोई भरपाई कर पाएगा जैसा सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस बात को माना गया है कि इसका दुरुपयोग होकर कई मामले फर्जी आरोपित किए जाते हैं। क्या आपको नहीं लगता इस अध्यादेश के बाद इस कानून का दुरुपयोग नहीं हुआ इसका पहले भी दुरुपयोग होता रहा है। क्या निर्दोष अल्पसंख्यक पिछड़ा वर्ग एवं सामान की सुरक्षा की जिम्मेदारी आपकी नहीं है।

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