पिछले दिनों जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक में केवायसी फार्म जमा करने से मना करना प्रबंधन को महंगा पड़ गया। आक्रोशित किसानों ने चैनल गेट लगाकर बैंक के बाहर ही धरना दिया और शाखा प्रबंधक के कक्ष की खिड़की का कांच तोड़ दिया। खतरे को भांपकर बैंक मैनेजर व कर्मचारी कैश लेकर निकल गए।
उल्लेखनीय है कि जिले में सूखा राहत के लिए किसानों का पैसा आया है। इसके लिए किसानों के बैंक खातों का सत्यापन व बैंक में केवायसी फार्म जमा किए जा रहे थे। लेकिन शनिवार को बैंक कर्मचारियों ने फार्म जमा करने से मना कर दिया। बैंक में लगभग ३-४ सौ किसान मौजूद थे, जो सुबह से आकर लाइन में लगे थे। फार्म जमा करने से मना करने पर किसान भड़क गए। सूचना मिलने पर पुलिस टीम भी मौके पर पहुंच गई।
कर्मचारियों ने बताया कि कलेक्टर ने तहसील में फार्म जमा किए जाने के निर्देश दिए हैं। इसलिए किसानों से मना किया गया था। करीब डेढ़ घंटे हंगामा करने के बाद आक्रोशित किसान रैली के रूम में कलेक्ट्रेट पहुंचे। जहां कलेक्टर के न मिलने के बाद तहसील चले गए। तहसील में समझाइश के बाद किसान अपने फार्म जमा करने को तैयार हुए।
बोरियों में केश लेकर चले गए कर्मचारी
हंगामा बढ़ता देख पहले बैंक मैनेजर पहले चले गए थे। कुछ कर्मचारियों ने किसानों को थोड़ा शांत होता देख, कैश बाहर निकालने की हिम्मत की। तीन बोरियों में भरकर कैश शाखा से बाहर निकाला गया और इसे वाहन की डिग्गी में रखा। इसके बाद कर्मचारी वाहन लेकर चले गए। वहीं कुछ कर्मचारी बैंक के अंदर में काम में लगे रहे।