हजारों लोग रोज जोखिम में डालते हैं जान, प्लेटफॉर्म तक जाने मालगाड़ी के नीचे से निकले लोग, ऐसे ही 20 बोरी भी कराईं पार
ब्रिज की देरी से पटरी पार करने की मजबूरी,
- प्लेटफॉर्म पर जाने मालगाड़ी के नीचे से एक मिनिट में निकले 60 लोग, ठीक सामने थी आरपीएफ चौकी।
अशोकनगर
Updated: June 12, 2022 09:07:51 pm
अशोकनगर. ब्रिज की देरी यात्रियों की परेशानी बन गई है और प्लेटफॉर्म तक जाने उन्हें रोज पटरी पार करना पड़ती है। यदि कोई मालगाड़ी ट्रेक पर खड़ी हो गई तो यात्रियों को जान जोखिम में डालकर नीचे से निकलना पड़ता है, ऐसे में यदि ज्यादा सामान है तो यात्रियों की परेशानी और बढ़ जाती है। इससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।
रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म क्रमांक तीन पर मालगाड़ी खड़ी हुई थी, लोगों को प्लेटफॉर्म पर पहुंचना था। इससे लोग मालगाड़ी के नीचे से निकलकर प्लेटफॉर्म पर पहुंचे, जहां से प्लेटफॉर्म एक पर पहुंचकर उन्होंने टिकिट बनवाया। इसी दौरान कुछ महिलाएं 20 भरी हुई बोरियां लेकर पहुंचीं, इससे एक महिला दोनों डिब्बों के बीच ज्वॉइंट पर खड़ी हुई और दो महिलाएं दोनों तरफ खड़ी हुईं, तब मालगाड़ी के के डिब्बे को पार कराकर वह बोरियां प्लेटफॉर्म तक ले जा सकीं। स्थिति यह है कि एक मिनिट में 60 लोग मालगाड़ी के नीचे से निकले। यह एक दिन की बात नहीं, बल्कि रोज यही हालात रहते हैं।
कारण: पटरी पार करने के अलावा नहीं कोई रास्ता-
रेलवे ने प्लेटफॉर्म क्रमांक दो के दूसरी तरफ नई लाइन बिछाकर प्लेटफॉर्म नंबर तीन बना दिया है। इससे तहसील व कलेक्ट्रेट सड़क से आने वाले लोगों को प्लेटफॉर्म तक पहुंचने कोई रास्ता नहीं है। हालांकि प्लेटफॉर्म दो व तीन से प्लेटफॉर्म एक तक एफओबी है, लेकिन प्लेटफॉर्म दो व तीन तक पहुंचने पटरी पार करना ही एक मात्र विकल्प है। वहीं इस जगह से तीनों प्लेटफॉर्मों तक पहुंचने बनाए जा रहे एफओबी का निर्माण धीमी गति से चल रहा है, जो सात माह में भी बनकर तैयार नहीं हो सका।
यहां अधूरा अंडरब्रिज बना नशेलचियों का अड्डा-
वहीं रेलवे रेक पॉइंट के पास अंडरब्रिज बनाने का काम भी चल रहा है, जहां रेलवे लाइन के नीचे बॉक्स तो लग चुके हैं, लेकिन नपा व बिजली की लाइन शिफ्ट न होने से अंडरब्रिज तक एप्रोच रोड नहीं है। वहीं सांसद ने सात दिन में लाइन शिफ्टिंग कराने के निर्देश दिए थे, इसके लिए अधिकारियों ने निरीक्षण किया और प्लान भी बनाया, लेकिन पेयजल व बिजली लाइन शिफ्ट नहीं हुई। इससे काम बंद पड़ा है और अधूरा अंडरब्रिज अब नशेलचियों का अड्डा बन गया है, जिसमें बैठकर लोग नशा करते हैं।

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