जिले में 765 मतदान केंद्रों में से 533 मतदान केंद्रों पर लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जीत दर्ज की और कांग्रेस को 232 मतदान केंद्रों पर जीत मिली। जबकि विधानसभा चुनाव में यह परिणाम पूरी तरह से उलट था। लेकिन विधानसभा चुनाव में भाजपा जितने वोटों से जिले में हारी थी, लोकसभा चुनाव में उससे तीन गुना से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की। इसका श्रेय भाजपा तो मोदी लहर और राष्ट्रवाद के मुद्दे को दे रही है, लेकिन कांग्रेस में इस हार के कारणों पर चर्चाएं शुरू हो गईं हैं और कांग्रेस कार्यकर्ता मतदान केंद्र वार छह महीने बाद ही वोटों में आए इतने बड़े अंतर पर समीक्षा कर रहे हैं। जिले के अशोकनगर विधानसभा क्षेत्र के 269 मतदान केंद्रों में से भाजपा ने 204 मतदान केंद्रों पर जीत दर्ज की, तो वहीं चंदेरी के 230 में से 146 मतदान केंद्रों पर और मुंगावली के 266 में से 183 मतदान केंद्रों पर भाजपा ने जीत दर्ज की।
किसान कांग्रेस अध्यक्ष ने दिया पद से इस्तीफा जिले में कांग्रेस की हार के बाद किसान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सुरेंद्रसिंह रघुवंशी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और उन्होंने अपना यह इस्तीफा कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया को भेजा है। जिसमें सुरेंद्रसिंह रघुवंशी का कहना है कि जिले की तीनों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस को मिली हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए वह अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं और उन्होंने पत्र में इस्तीफा स्वीकार करने की मांग भी की है।
नवनिर्वाचित सांसद ने निकाला विजय जुलूस लोकसभा चुनाव में जीत के बाद भाजपा के नवनिर्वाचित सांसद डॉ.केपी यादव ने जहां सुबह मां जानकी मंदिर करीला पहुंचकर पूजा-अर्चना की। साथ ही सतहरी गांव पहुंचकर अपनी मां और दादी के पैर छूकर आशीर्वाद भी लिया। वहीं क्षेत्र में घूमकर लोगों का आभार भी माना। इस दौरान कार्यकर्ताओं और क्षेत्रवासियों ने उनका स्वागत किया। इससे क्षेत्र में शाम तक स्वागत का कार्यक्रम जारी रहा। वहीं केपी यादव ने बुजुर्गों के पैर छूकर आशीर्वाद भी लिया।