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महामंडलेश्वर बोले- प्रदेशभर से साधु-संत आकर देंगे धरना

locationअशोकनगरPublished: Sep 15, 2018 10:48:32 pm

Submitted by:

Praveen tamrakar

शनिवार को दोपहर से धरने पर बैठे साधु संतों मनाने तहसीलदार इसरार खान मौके पर पहुंचे और धरने की अनुमति निरस्त होने की बात कहकर उनसे धरने से हटने के लिए कहा।

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Ashoknagar Tahsildar discussing with the sadhus sitting on the dharna.

अशोकनगर. शनिवार को दोपहर से धरने पर बैठे साधु संतों मनाने तहसीलदार इसरार खान मौके पर पहुंचे और धरने की अनुमति निरस्त होने की बात कहकर उनसे धरने से हटने के लिए कहा। साथ ही तहसीलदार ने कहा कि कलेक्टर से मिलकर कुछ हल निकाला जाएगा, लेकिन साधु-संत वहां से नहीं हटे और वह अपनी मांग पर अड़े रहे। साथ ही उनके साथ ट्रस्ट एक सदस्य सहित आसपास के गांव के लोग भी धरने में शामिल हो गए। केशवदास का कहना है कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाएगी, वह धरना जारी रखेंगे।
अचानक महामंडलेश्वर के इस धरने में शामिल होने से मामला गंभीर हो गया। महामंडलेश्वर का कहना है कि यदि प्रशासन नहीं माना तो प्रदेशभर से साधु-संत आकर धरने पर बैठेंगे।

कोई माला जपता रहा तो किसी ने लिखे राम नाम
कलेक्ट्रेट के बाहर बाउंड्री किनारे साधु-संतों का धरना कुछ अलग नजर आया। जिसमें धरने के दौरान कुछ साधु माला जपते रहे तो कोई वहीं पेड़ के नीचे बैठकर कॉपी में राम नाम का लेखन करते दिखे। इसके अलावा सूरदास संत वहीं पर बैठकर भगवान के नाम का जप करते नजर आए। वहीं सोमवार से इस धरने में साधु-संतों की संख्या और बढऩे की बात कही जा रही है। हालांकि साधुओं के इस धरने से प्रशासन की समस्याएं बढ़ती दिख रही हैं।

नए ट्रस्ट की मांग पर अड़ा साधु समाज
प्रशासन और ट्रस्ट पर फर्जीवाड़े व दानराशि में भृष्टाचार का आरोप लगाते हुए साधु-संत नए ट्रस्ट की मांग पर अड़े हुए हैं। उनका आरोप है कि दबंग लोगों ने करीला पर कब्जा जमा लिया है और दानराशि का भी कोई हिसाब नहीं दिया जा रहा है। साथ ही वह केशवदास की अध्यक्षता में नए ट्रस्ट की मांग पर अड़े हुए हैं और उनका कहना है कि संत परंपरा के इस आश्रम के केशवदास ही महंत हैं।

ट्रस्ट अध्यक्ष ने कहा- निगरानी में है दानराशि
करीला ट्रस्ट के अध्यक्ष महेंद्रसिंह यादव का कहना है कि ट्रस्ट का गठन प्रशासन ने किया है और इसके सचिव मुंगावली तहसीलदार हैं। करीला का पूरा हिसाब-किताब और खर्च की जानकारी पूरी तहसीलदार के पास रहती है। हर महीने दानराशि बैंक खाते में जमा होती है और खाते से तहसीलदार की अनुमति के बिना एक पैसा भी नहीं निकलता। इसलिए गड़बड़ी के आरोपी पूरी तरह से झूठे हैं। वहीं ट्रस्ट के गठन के बाद करीला क्षेत्र का जो विकास हुआ है और शासन इसे और विकसित बना रही है। केशवदासजी ने ट्रस्ट के गठन के बाद कुछ समय बाद ही मुंगावली न्यायालय में प्रशासन के खिलाफ अपील लगाई थी। जिसमें प्रशासन की जीत हुई थी। अब ट्रस्ट के गठन का यह मामला हाईकोर्ट ग्वालियर में लंबित है।
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