उल्लेखनीय है कि अथाईखेड़ा क्षेत्र वर्षों से मलेरिया डेंजर जोन क्षेत्र में गिना जाता रहा है। क्षेत्र में मच्छर जनित बीमारियों का प्रकोप बना रहता है। बीते कुछ दिन पहले जहां एक बच्ची की मौत डेंगू होने से हो गई थी, वहीं दूसरी ओर एक अन्य महिला की मौत भी स्वाइन फ्लू से हो चुकी है। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पताल में व्यवस्थाएं नहीं सुधारी जा रही हैं। अस्पताल में डाक्टर से लेकर ज्यादातर पद भरे हुए हैं, मगर अस्पताल में न तो डाक्टर मिलते हैं और न ही स्टाफ। इसी तरह का आरोप लगाते हुए सांसद प्रतिनिधि हरिशंकर पंथी ने कहा कि मलेरिया से बीमार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है।
अथाईखेड़ा में हर घर में कोई न कोई बीमार है। अस्पताल में पदस्थ डाक्टर महीने में दो चार दिन ही आते हैं। इससे मरीजों को सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं मिल पा रहा है। सरकारी अस्पताल में मरीजों को उपचार न मिलने से उन्हें प्राइवेट अस्पतालों में उपचार कराना पड़ रहा है। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से अस्पताल की व्यवस्थाओं को सुधारने की मांग करते हुए कहा कि व्यवस्थाएं यदि नहीं सुधरी तो आंदोलन किया जाएगा।
विभाग जांचेगा अपने ही कर्मचारियों का हीमोग्लोबिन
अशोकनगर. बच्चों में कुपोषण और महिलाओं व किशोरी बालिकाओं में हीमोग्लोबिन की जांच करने वाली आंगनबाड़ी व आशा कार्यकर्ताओं की भी खून की जांच होगी। महिला एवं बाल विकास विभाग जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका और आशा कार्यकर्ताओं में हीमोग्लोबिन की जांच करेगा। इसके लिए विभाग दो दिन शिविर लगाएगा। साथ ही हीमोग्लोबिन कम पाए जाने पर उन्हें पोषण की जानकारी भी दी जाएगी। विभाग के शहरी परियोजना अधिकारी विजय यादव ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका और आशा कार्यकर्ताओं में हीमोग्लोबिन की जांच की जाएगी। इसके लिए विभाग 17 व 19 सितंबर को शिविर लगाएगा और क्षेत्र की कार्यकर्ताओं को बुलाया जाएगा।