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पारा 43.6 डिग्री: दिनभर चलीं गर्म हवाएं, सड़कों पर छाया रहा सन्नाटा

locationअशोकनगरPublished: May 24, 2019 12:20:38 pm

Submitted by:

Arvind jain

मई महीने का सबसे गर्म दिन, – अप्रैल माह में 44.4 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया था पारा, आज तेज हवाएं चलने का अनुमान।

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पारा 43.6 डिग्री: दिनभर चलीं गर्म हवाएं, सड़कों पर छाया रहा सन्नाटा

अशोकनगर. राजस्थान से आ रही गर्म हवाओं से जिला फिर से भट्टी की तरह तप रहा है। दूसरे दिन पारा बढ़कर फिर से 43.6 डिग्री पर पहुंच गया। साथ ही दिनभर तेज गर्म हवाएं चलती रहीं और दोपहर के समय सड़कों पर सन्नाटा छाया रहा। जिले में लू को देखते हुए मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है और लोगों को लू से बचने की सलाह दी है।


बुधवार को दोपहर 2:20 बजे तापमान बढ़कर 43.6 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया, जो सामान्य से दो डिग्री अधिक रहा। वहीं न्यूनतम तापमान बढ़कर 26.7 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। इससे जहां दिनभर तो तेज गर्म हवाएं चलीं हीं और रात में भी भीषण गर्मी रही। इससे लोग गर्मी से परेशान होते रहे। मौसम विभाग का कहना है कि राजस्थान की तरफ शुष्क हवाएं आने से लू चल रही है। वहीं जिले में गुरुवार को तेज हवाएं चलने का अनुमान है, इससे लू का प्रकोप बढ़ सकता है।

अलर्ट: दोपहर में बाहर निकलने से बचें-
जिले में लू को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है, साथ ही लोगों को लू से बचने की सलाह दी है। सीएमएचओ डॉ.जेआर त्रिवेदिया का कहना है कि दोपहर के समय जहां तक संभव हो, घर से बाहर निकलने से बचें और यदि ज्यादा जरूरी हो तो सिर और चेहरे को कपड़े से ढंककर ही बाहर निकलें। साथ ही पर्याप्त पानी पीकर ही घर से बाहर निकलें।

 

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मई में पिछले 10 साल में सबसे अधिक तापमान-


दिनांक सबसे अधिक तापमान
28 मई 2018 46.8
28 मई 2017 46.5
21 मई 2016 46.7
20 मई 2015 45.7
30 मई 2014 45.5
20 मई 2013 45.7
31 मई 2012 45.0
19 मई 2011 45.0
18 मई 2011 45.0
25 मई 2010 47.6
22 मई 2009 45.0
(तापमान डिग्री सेल्सियस में, मौसम विभाग अनुसार।)

 

यहाँ , शहर में ऐसे होती है घरों में पेयजल की व्यवस्था
अशोकनगर. तेज धूप और भीषण गर्मी के मौसम में घरों पर पेयजल की व्यवस्था करना लोगों के लिए सबसे बड़ी समस्या है। महिला-पुरुष तो पानी ढ़ोते देखे ही जा सकते हैं, साथ ही घरों पर पानी की व्यवस्था के लिए नौनिहालों को भी जुटना पड़ता है। इससे बच्चे भी बर्तनों से पानी ढ़ोने में लगे रहते हैं।

बुधवार को शहर के मंदसौर मिल क्षेत्र में दो छोटे बच्चे अपनी छोटी सी साईकिल पर पानी से भरी हुई छोटी-छोटी कैन लटकाकर जाते मिले, तो वहीं एक बच्चा छोटी प्लास्टिक की बाल्टी में घर के लिए पानी ले जाता दिखा। यह एक जगह की बात नहीं, बल्कि शहर में इस तरह के नजारे आम बात हो गई है। जहां पर अपने परिजनों के साथ बच्चे भी ट्यूबवेलों से घरों तक पानी ढ़ोने में जुटे रहते हैं और तब कहीं घरों पर पानी की व्यवस्था हो पाती है।

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