एक्सपायरी तारीख का होना बताया
मामला क्षेत्र के अमरोद गांव के प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय का है। बुधवार को तेज बारिश होने से चारों तरफ से पानी से घिरे इस स्कूल के चारों ओर दूध पावडर की पैकेट तैरती नजर आईं। इससे ग्रामीण इन पैकेटों को उठाकर देखते नजर आए। शिक्षक वसीर खान से जब इन दूध पैकेटों के फैंकने का कारण पूछा तो उन्होंने एक्सपायरी तारीख का होना बताया। जबकि ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल में बच्चों को दूध का वितरण नहीं किया जाता है और शासन बच्चों की पोष्टिकता के लिए दूध वितरण पर हर माह लाखों रुपए खर्च कर रहा है।
शिक्षक ने कहा विभाग ने एक्सपायरी ही दिए थे पैकेट-
दूध पावडर की करीब डेढ़ दर्जन पैकेट वहां पर पानी में बहती मिलीं। जिन पर बनने की तारीख 21 जुलाई 2018 और एक्सपायरी तारीख 18 सितंबर 2018 दर्ज थीं। शिक्षक वसीर खान का कहना है कि विभाग से ही स्कूल को एक्सपायरी तारीख के पैकेट मिले थे, इसलिए इन पैकेट का दूध बच्चों को नहीं पिलाया गया और पैकेट को फैंक दिया गया। इससे शिक्षा विभाग के जिम्मेदारों पर सवाल उठने लगे हैं कि आखिर वह कैसे एक्सपायरी तारीखों के दूध पैकेट स्कूलों में पहुंचा रहे हैं।