कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कर चुके
इल्ली और कीड़े सोयाबीन-उड़द के पौधों को काट रहे हैं, इससे बीच में से पौधे टूटकर गिर रहे हैं। किसानों का कहना है कि सुबह जब वह खेतों में जाकर देखते हैं तो पौधे बीच में से कटे हुए मिलते हैं और कटा हुआ हिस्सा नीचे ही पड़ा मिलता है। किसानों के मुताबिक फसलों को बचाने के लिए कई बार कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कर चुके हैं लेकिन तेज बारिश हो जाने से दवाएं बह जाती है और उनका असर खत्म हो जाता है।
किसान नरेंद्र यादव ने बताया कि दो बार कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया और दवाओं पर 50 हजार रुपए से अधिक खर्च हो गए, लेकिन फसलों का टूटना नहीं रुक रहा है। वहीं कृषि विभाग द्वारा रोज नई-नई दवाएं बता दी जाती हैं और फसलों में दवाओं का असर नहीं हो पा रहा है।
हर साल से अच्छी थी फसलें, नुकसान ने बढ़ाई चिंता-
किसानों का कहना है कि इस बार पर्याप्त मात्रा में धूप और पानी मिलने से उड़द-सोयाबीन की फसलें पिछले वर्षों की तुलना में सबसे अच्छी थीं। लेकिन ज्यादा बारिश की वजह से फसलों में शुरु हुआ नुकसान अब किसानों की चिंताएं बढ़ाने लगा है।
पानी भरा रहने से यहां गलकर खराब हो रहीं फसलें-
शहर के नजदीक के बरखेड़ी, रातीखेड़ा, मढ़ी और मारुप सहित जिले के ज्यादातर गांवों में खेतों में पानी भरा हुआ है। कई दिन से पानी में डूबे रहने से अब फसलें गलकर खराब होने लगी हैं। किसानों का कहना है कि कई बार खेतों से पानी निकाला गया, लेकिन बारिश होते ही फिर से पानी भर जाता है।
खबर का असर: नुकसान का सर्वे करने के निर्देश-
पत्रिका द्वारा लगातार उठाए जा रहे फसलों में नुकसान के मुद्दे पर गंभीरता दिखाते हुए कलेक्टर ने नुकसान का सर्वे करने के निर्देश दिए है। वहीं कृषि विभाग ने सभी ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को नुकसान देखने के लिए खेतों पर पहुंचने के निर्देश दिए हैं। कृषि उपसंचालक मुंशीसिंह गुर्जर का कहना है कि कुछ गांवों से नुकसान की जानकारी मिली है।
रात में एक घंटे में फिर एक इंच से अधिक बारिश-
रात तीन बजे से चार बजे के बीच जिले के ज्यादातर हिस्सों में बारिश हुई, इस एक घंटे में जिलेभर में एक इंच से अधिक बारिश दर्ज हुई। चंदेरी ब्लॉक में 36 मिमी, ईसागढ़ में 62 और मुंगावली ब्लॉक में 32 मिमी बारिश हुई। इससे सुबह से ही जिलेभर की ज्यादातर नदियां उफान पर आ गईं और फिर से खेतों में पानी भर गया। अब तक जिले में कुल बारिश की 89 फीसदी बारिश हो चुकी है, जिसमें अशोकनगर और मुंगावली ब्लॉक में औसत से अधिक बारिश हो चुकी है।
नुकसान का सही आंकलन एक-दो दिन धूप निकलने के बाद ही हो पाता है। हमने सभी तहसीलदारों को निर्देशित कर दिए है कि वे क्षेत्र में फसल के नुकसान का सर्वे करें।
डॉ. मंजू शर्मा, कलेक्टर अशोकनगर
हमारे पास सिंध नदी के किनारे के कुछ गांवों में नुकसान की जानकारी आई है। सभी एसएडीओ को निर्देश दिए हैं कि वे आरएईओ के माध्यम से नुकसान की जानकारी भिजवाएं।
मुंशीसिंह गुर्जर, प्रभारी उपसंचालक कृषि विभाग अशोकनगर