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Mp School: स्कूलों की हकीकत जानने गांवों में पहुंचे SDM , नजारा देख दंग रह गए

locationअशोकनगरPublished: Aug 18, 2019 12:55:14 pm

Submitted by:

Arvind jain

फिर कैसे पढ़ेंगे बच्चे: प्रशासन की सख्ती के बाद भी नहीं सरकारी स्कूलों में मनमानी पर लगाम। – अब इन शिक्षकों पर कार्रवाई के लिए डीईओ को भेजेंगे प्रतिवेदन, कई स्कूलों में तो बच्चे भी बहुत कम संख्या में मिले।

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एसडीएम ने जानी चार गांवों के स्कूलों की हकीकत, तो बिना सूचना अनुपस्थित मिले 11 शिक्षक

अशोकनगर। प्रशासन की सख्ती के बाद भी जिले के सरकारी स्कूलों school में जिम्मेदारों की मनमानी पर लगाम लगती नजर नहीं आ रही है। अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि क्षेत्र के चार गांवों के स्कूलों की हकीकत जानने के लिए जब एसडीएम SDM पहुंचे, तो इन स्कूलों के 11 शिक्षक बिना किसी पूर्व सूचना के अनुपस्थित मिले। तो वहीं कई स्कूलों में तो छात्र भी बहुत कम संख्या में मिले।


स्कूलों का औचक निरीक्षण किया
शनिवार को एसडीएम सुरेश जाधव ने शाढ़ौरा तहसीलदार कमलसिंह मंडेलिया के साथ स्कूलों का औचक निरीक्षण किया। एसडीएम पहाड़ा गांव पहुंचे तो स्कूल में शिक्षक विजय रघुवंशी अनुपस्थित मिले और शिक्षिका पूजा नंदा का भी अवकाश का कोई आवेदन नहीं मिला। वहीं एकीकृत विद्यालय सेजी में शिक्षक बृजेंद्रसिंह, सीमा रघुवंशी, नरेशसिंह रघुवंशी अनुपस्थित मिले।


कार्रवाई के लिए डीईओ को पत्र लिखा
प्राथमिक विद्यालय सेमरी शाहबाद में शिक्षक श्यामप्रकाश भार्गव भी स्कूल से गायब मिले। इसके अलावा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय शाढ़ौरा में शिक्षक मनीष मिश्रा, वीरेंद्रसिंह रघुवंशी, शैलेंद्र जैन, ज्योति रघुवंशी और धमेंद्र सुमन अनुपस्थित पाए गए। स्कूलों में मनमाने तरीके से शिक्षकों के अनुपस्थित पाए जाने पर एसडीएम ने नाराजगी जताई, जो अब इन शिक्षकों पर कार्रवाई के लिए डीईओ को पत्र लिखेंगे।


सेजी में नहीं मिला एक भी छात्र, अन्य में कम संख्या-
वहीं स्कूलों में छात्रों की संख्या भी बहुत कम रही। एकीकृत विद्यालय सेजी में जहां तीन शिक्षक अनुपस्थित थे तो वहीं स्कूल में एक भी छात्र उपस्थित नहीं मिला। इसके अलावा पहाड़ा गांव के हाईस्कूल में दर्ज 92 छात्र-छात्राओं में से मात्र 12 छात्र-छात्राएं ही उपस्थित थे, वहीं माध्यमिक विद्यालय में दर्ज 88 छात्र-छात्राओं में से स्कूल में सिर्फ 18 छात्र-छात्राएं ही उपस्थित मिले। स्कूलों में छात्रों की कम उपस्थिति पर भी एसडीएम ने नाराजगी जताई।

 

बड़ा सवाल: फिर कैसे सुधरेगी सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता-
जिले के सरकारी स्कूलों की शिक्षा की गुणवत्ता लगातार गिरती जा रही है। हालत यह है कि ग्रामीण क्षेत्र में पांचवी पढऩे वाले छात्र हिंदी भी सही तरीके से नहीं पढ़ पाते हैं तो वहीं आठवी के ज्यादातर छात्र अंग्रेजी पढऩा तक नहीं जानते। इसके बाद भी सरकारी स्कूल जिम्मेदारों की मनमानी के शिकार हैं।

अधिकारी गंभीरता नहीं दिखा रहे
फिर भी इस पर शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं। इससे विभाग के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि शिक्षा विभाग के अधिकारी शिकायतों पर भी स्कूल संचालन व्यवस्था सुधारने में गंभीरता नहीं दिखाते हैं, नतीजतन नौंवी कक्षा में पहुंचने के बाद छात्र बड़ी संख्या में फैल हो जाते हैं।

 


अस्पताल के ड्रेसिंग कक्ष में ताला, साफ-सफाई भी नहीं-
एसडीएम जब शाढ़ौरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे तो ओपीडी तो संचालित मिली, लेकिन ड्रेसिंग कक्ष में ताला लगा मिला। इस पर नाराजगी जताते हुए एसडीएम ने डे्रसिंग कक्ष का ताला खुलवाया। वहीं अस्पताल में गंदगी भी दिखी। इसके अलावा कर्मचारी गैलरी में कुर्सी पर ही बैठकर मरीजों की स्लाइडें बनाते दिखा।

 

एसडीएम ने नाराजगी जताई
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को बेहाल हालत में देख एसडीएम ने नाराजगी जताई और निर्देश दिए कि चार दिन में व्यवस्था सुधारी जाए। साथ ही कहा कि चार दिन बाद वह फिर से निरीक्षण करेंगे यदि व्यवस्थाएं नहीं सुधरीं तो कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन बनाया जाएगा।

 

चार गांव के ही स्कूलों का निरीक्षण किया था, जहां बड़ी संख्या में शिक्षक अनुपस्थित मिले। जबकि इन शिक्षकों इन शिक्षकों ने छुट्टी की कहीं कोई सूचना तक नहीं दी। इस पर कार्रवाई के लिए डीईओ को प्रतिवेदन भेजा जा रहा है। वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का चार दिन बाद फिर निरीक्षण करेंगे।
सुरेश जाधव, एसडीएम अशोकनगर

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