दरअसल, विधान सभा के धार्मिक स्थल भरका में दोनों ही पार्टियों के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए जहां मात्र 30 फीट की दूरी पर दोनों ही पार्टियों के मंच बनाये गये थे। यहां सिधिया की सभा की तैयारियों को देखकर भाजपा की ओर से प्रदेश सरकार के लोक निर्माण मंत्री रामपाल सिंह पहुचें लेकिन सभा स्थल पर सभा न करके नदी के उस पार भागवत कथा में जाकर सभा को संबोधित किया।
इसके बाद भाजपा के नेताओं के द्वारा काग्रेस सभा स्थल के पास बनाये गये मंच से प्रदेश सरकार की योजनायें बताई गईं। जिसके बाद दोनों ही ओर से जमकर नारे लगाये गये। कहा जा रहा है कि यहां भी राघौगढ़ में हुए विवाद जैसा माहौल बन सकता था। हालांकि सांसद सिंधिया के सभा स्थल पर पहुचंते ही प्रशासन के द्वारा भाजपा के नेताओं द्वारा जो सभा आयोजित की जा रही थी, उसको रूकवाया गया।
सभा को सम्बोधित करते हुए सिधिया ने कहा कि भाजपा की सरकार इतने दिनों से है, आज तक कोई भी मंत्री यहां नही आया आज पूरी कैबिनेट गांव-गांव और गली-गली में घूम रही है।
इसके अलावा ज्योतिरादित्य ने सभा स्थल के पास भाजपा के मंच की ओर इशारा करते हुए कहा कि भाजपा के भाइयों आप भी हाथ उठाकर मेरा समर्थन करे क्योंकि आप न चाहते हुए भी मेरे अपने हो क्योंकि भाजपा को भी तो मेरी दादी ने स्थापित किया था इसलिए दिलों के रिश्ते तो हैं ही आपसे।
सिंधिया की सभा और कार्यक्रम के बाद अचानक हेलीकॉप्टर से पहुचें प्रदेश सरकार के लोक निर्माण मंत्री रामपाल सिंह ने सांसद सिंधिया पर हमला बोलते हुए कहा कि हम विकास करते हैं तो वह हमारी शिकायत करते हैं। इनको हमारा विकास अच्छा नही लग रहा और आज तक इन्होने कोई विकास नही कराया जिससे यह क्षेत्र पिछड़ गया है।
ऐसे समझें मुंगावली का उपचुनाव…
दरअसल अशोकनगर जिले के मुंगावली विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के लिए महत्वपूर्ण होगा। एक तरफ सत्ताधारी दल 2018 से ठीक पहले होने वाले इस चुनाव को जीतकर एंटीइनकमबेंसी जैसी स्थितियों को नकारने का संदेश देना चाहता है। वहीं कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए यह चुनाव दोहरी चुनौती बन गया है।
दरअसल अशोकनगर जिले के मुंगावली विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के लिए महत्वपूर्ण होगा। एक तरफ सत्ताधारी दल 2018 से ठीक पहले होने वाले इस चुनाव को जीतकर एंटीइनकमबेंसी जैसी स्थितियों को नकारने का संदेश देना चाहता है। वहीं कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए यह चुनाव दोहरी चुनौती बन गया है।
माना जा रहा है कि यह उपचुनाव शिवराज बनाम सिंधिया होगा। इसकी वजह ये है कि मुंगावली सीट जीतकर सिंधिया ये संदेश देना चाहते है कि प्रदेश में 2018 के लिए सीएम के चेहरे के असली हकदार वही हैं। इससे पहले भी अटेर विधानसभा की जीत का श्रेय भी सिंधिया को ही जाता है।
सिंधिया इसी लोकसभा क्षेत्र से सांसद भी हैं। दिवंगत विधायक महेंद्र सिंह कालूखेड़ा भी सिंधिया घराने के बेहद नजदीकी थे। पिछले चुनाव में कालूखेड़ा ने भाजपा के राव देशराज सिंह यादव को लगभग 20 हजार वोटों से पराजित किया था।