मामला शहर के अंबेडकर भवन के पीछे 15 फिट जगह में हुए सीसीकरण का है। सिंघई एंड सिंघई निर्माण कंपनी ने यह निर्माण किया और इस कार्य के एवज में निर्माण कंपनी को 8 हजार रुपए का भुगतान होना था, लेकिन नपा के सब इंजीनियर अंबक पाराशर ने 97 हजार 507 रुपए का भुगतान कर दिया।
सब इंजीनियर ने जब इस भुगतान में से आधी राशि निर्माण कंपनी से कमीशन के नाम पर मांगी तो निर्माण कंपनी के प्रोपराईटर मोनू पंंडा को खाते में आई ज्यादा राशि की जानकारी मिली। इससे उसने सब इंजीनियर को कमीशन के रूप में राशि देने से इंकार कर दिया और निर्माण करने वाले मोनू पंडा ने ही इस मामले को उजागर कर दिया।
10 प्रतिशत कटोत्रा भी भुगतान में नहीं काटा-
खास बात यह है कि भुगतान के दौरान जहां 10 प्रतिशत कटोत्रा राशि काटी जाती है, लेकिन यहां काटने की बात तो दूर 12 गुना से ज्यादा भुगतान कर दिया गया। इतना ही नहीं ठेकेदार मोनू पंडा का कहना है कि निर्माण के टेण्डर में तीन रसीद कटती हैं और 50 हजार से अधिक के भुगतान के काम में दो हजार रुपए की डीडी ठेकेदार से ली जाना चाहिए लेकिन वह भी नहीं ली गई। साथ ही ठेकेदार ने कहा कि इसी तरह से शांति निकेतन के पास भी बिना विज्ञप्ति और बिना टेंडर के 40 फिट लंबी सड़क बनवा दी गई है।
पहले का काम था, थोड़ा सा वर्कऑर्डर था। हमने भुगतान सही किया है और बाकी बात सीएमओ से कर लें।
अंबक पाराशर, सब इंजीनियर नपा अशोकनगर
यदि ऐसा हुआ है तो हम एई से जांच कराएंगे, गलत पाए जाने पर कार्रवाई करेंगे। वहीं शांति निकेतन के पीछे कराए गए काम की भी जांच कराएंगे, गलत पाए जाने पर कार्रवाई करेंगे।
शमशाद पठान, सीएमओ नपा अशोकनगर
जब मुझसे सब इंजीनियर ने कहा कि ज्यादा भुगतान हो गया है और उसमें से आधी राशि निकालकर हमे दे दो। तब मामले का पता चला। मुझे आठ हजार का भुगतान होना था। ज्यादा राशि का भुगतान खाते में गलत तरीके से किया, इससे हमने मामले को उजागर किया।
मोनू पंडा, ठेकेदार