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आश्रम के परिसर में पड़ा मिला महात्मा का शव

locationअशोकनगरPublished: Sep 30, 2018 08:48:25 am

Submitted by:

Arvind jain

आनंदपुर ट्रस्ट के चक्क आश्रम पर महात्मा की हत्या. महात्मा के साथ आश्रम में रुके थे तीन कर्मचारी, सुबह साढ़े पांच बजे परिसर में शव देख कर्मचारियों ने दी पुलिस को सूचना। कमरे से बक्सा गायब, कितने रुपए या अन्य सामग्री थी बक्से में इसकी किसी को नहीं कोई जानकारी।

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Corps found in such well in the well police confused

अशोकनगर. आनंदपुर ट्रस्ट के टकनेरी चक्क आश्रम पर 75 वर्षीय महात्मा की हत्या हो गई। महात्मा का शव आश्रम परिसर में ही पड़ा हुआ मिला, जिनके शरीर से कपड़े गायब थे और हाथ व पैर कपड़े से बंधे मिले। वहीं कमरे से बक्सा गायब मिला, इससे पुलिस इस वारदात का कारण चोरी को मान रही है। लेकिन खास बात यह है कि महात्मा के कमरे के पास ही तीन कर्मचारी भी रुके हुए थे, लेकिन उन्हें मामले की जानकारी सुबह जागने पर मिली।

शनिवार सुबह टकनेरी आश्रम में 75 वर्षीय महात्मा अटल ब्रह्मानंद उर्फ नत्थूलाल पुत्र नेमोराम मृत मिले। वह राजस्थान के सवाई माधौपुर के रहने वाले थे और करीब 16 साल से आश्रम की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। जानकारी मिलते ही सुबह देहात और सिटी कोतवाली प्रभारी मौके पर पहुंचे, वहीं एडिशनल एसपी सुनील शिवहरे और एसडीओपी गुरुवचनसिंह ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर जानकारी ली। आश्रम के कर्मचारी रामबिहारी गुर्जर ने बताया कि रात को साढ़े आठ बजे महात्माजी भजन के लिए अपने कमरे में चले गए थे और तीनों कर्मचारी भी घी निकालने का काम निपटाकर रात साढ़े दस बजे सो गए थे। रामबिहारी के मुताबिक शनिवार को सुबह साढ़े पांच बजे शौच के लिए जाते समय परिसर के ही गार्डन में महात्माजी का शव देखा। इससे आश्रम और पुलिस को सूचना दी। शव को उठाकर पीएम के लिए भिजवाया गया और पुलिस का मानना है कि हो सकता है कि किसी ने चोरी की नीयत से वारदात को अंजाम दिया और वारदात के बाद बक्सा को चुरा ले गए।

बक्से में क्या था सामान, किसी को नहीं पता-
वारदात के बाद आश्रम में महात्मा अटल ब्रह्मानंद के कमरे में रखा हुआ लोहे का बक्सा गायब मिला। इस बक्से में पैसे या क्या अन्य सामान रखा हुआ था, इसके बारे में किसी को कोई पता नहीं है। हालांकि आनंदपुर ट्रस्ट आश्रम के अन्य महात्माओं का कहना है कि इस आश्रम में नगद राशि ज्यादा नहीं रहती थी, क्योंकि फसलों की कटाई चल रही है इसके लिए महात्मा आनंदपुर से सुबह राशि लेते थे और शाम को मजदूरों में वितरित कर देते थे और यदि कभी राशि बचती थी तो उसे जमा कर देते थे। इससे ज्यादा राशि चोरी होने की संभावना कम नजर आ रही है, लेकिन इस बक्से में रखे अन्य सामान की जानकारी नहीं मिल पा रही है।

आश्रम में तीन कर्मचारी भी रहते थे साथ-
आश्रम में महात्मा के साथ कर्मचारी बख्तर निवासी रामबिहारी गुर्जर पुत्र संतोष गुर्जर, जमनया निवासी जगभान पुत्र हरिराम और बृजपुरी निवासी वीरपाल पुत्र त्रिलोकसिंह भी रहते थे। जो आश्रम का काम देते थे। रात के समय भी तीनों ही रोजमर्रा के काम से निवृत्त होकर महात्मा के कमरे के पास ही सो रहे थे। जिनमें एक महात्मा के कमरे के पास और दो बाहर की तरफ सो रहे थे। लेकिन वारदात की जानकारी तीनों को ही सुबह जागने पर मिली। रामबिहारी गुर्जर के मुताबिक महात्माजी रात को दो बजे जाग जाते थे और सुबह चार बजे से भजन करने लगते थे।

फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट और एफएसएल टीम भी पहुंची-
घटना के बाद एफएसएल टीम, फिंगर एक्सपर्ट और डॉग स्क्वाड भी मौके पर पहुंचा। जहां पर पुलिस के अलावा तीनों ही टीमों ने मामले की जांच पड़ताल की। खास बात यह है कि आश्रम की चारों ओर दस फिट ऊंची दीवार की बाउंड्री भी है। वारदात करने वाले कहां से घुसे पुलिस इसकी भी जांच कर रही है। वहीं दीवार के पास खेतों की तरफ एक लकड़ी भी टिकी हुई मिली।

पुलिस कर रही इन पहलुओं पर भी जांच-
– पुलिस आश्रम में रहने वाले तीनों कर्मचारियों से भी पूछताछ कर रही है और आश्रम में आने वाले लोगों के बारे में भी पता लगाया जाएगा।
– महात्मा के दोनों हाथ व पैर उनके पहनने वाले रंग के कपड़ों से बंधा हुआ था और पहनने के पकड़े उनके कमरे में ही रखे हुए मिले।
– चोरी गए बक्से में क्या सामान था और बाउंड्रीवाल से सटी लकड़ी क्या आश्रम की है या फिर बाहर से लाई गई।

आश्रम में महात्मा की संदिग्ध हत्या हुई है और उनके कमरे से बक्सा भी गायब मिला। मामले की सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है।
सुनील शिवहरे, एडिशनल एसपी अशोकनगर

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