लोगों को प्रधान मंत्री आवास योजना की सूची कैसे बनी किस आधार पर बनी ये नहीं बताया जा रहा। कुछ दिनों पहले 20 लोगों के बैंक खातों में एक-एक लाख रुपए डाले गए है पर उनकी सूची सार्वजनिक नहीं की जा रही, क्योंकि इसमें कुछ अपात्र लोगों के नाम है।
हाल ही में राज्यमंत्री बृजेंद्र सिंह यादव ने सीईओ मुंगावली को सख्त निर्देश दिए थे कि प्रधान मंत्री आवास जिनके स्वीकृत हो गए उनकी सूची सार्वजनिक करो ये पंचायत के सचिव सूची सार्वजनिक इसलिए नहीं करते कि जिनके नाम आवास स्वीकृत है उससे पैसे ले सकें।
वहीं नगर परिषद ने भी सूची सार्वजनिक नहीं की है। सूची में नगर परिषद के कर्मचारी, नेता व धनवान लोगों के नाम है जो कि पात्रता में नहीं आते उनको शुरुआत में ही कुटीर स्वीकृत कर दी गई है।
लोग सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर नगर परिषद के विरुद्ध उठा रहे सवाल
लोग सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर नगर परिषद के विरुद्ध कई सवाल उठा रहे हैं। नगर परिषद प्रभारी रामेश्वर प्रसाद शर्मा का नाम लिया जा रहा है।
जिन्होंने जो वास्तविक गरीब हैं और कच्चे मकानों में रह रहे हैं, उनका नाम आने का वह इंतजार कर रहे हैं और प्रतिदिन नगर परिषद के चक्कर काट रहे हैं। भाजपा मंडल अध्यक्ष लाखन सिंह कटारिया ने आरोप लगाया है कि नगर परिषद का बाबू एक सिर्फ एक कद्दावर नेता के इशारे पर काम कर रहा है।
इससे यह विवाद बन रहा है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में मंत्रीजी को अवगत करा दिया है तथा सीएमओ विनोद उन्नीतान से बात हुई है, वह आकर स्वयं देखेंगे और सूची को सार्वजनिक करेंगे। उसमें से अपात्रों के नाम हटाए जाएंगे। इससे गरीबों का हक न मारा जाए। बाबू के बर्ताव की भी जांच करवाई जाएगी।