गड्ढ़ों में तब्दील नेशनल हाईवे, यहीं से निकलेंगे बुंदेलखंड के लाखों श्रद्धालुओं के वाहन
करीला मेला: करीला पहुंचाने वाले मुख्य रास्ते गड्ढ़ों में तब्दील, जिनके सुधार पर नहीं जिम्मेदारों का ध्यान।
- नेशनल हाईवे पर बढ़ी दुर्घटनाओं की आशंका, समय पर नहीं हुआ सुधार तो दुर्घटना की आशंका।
अशोकनगर
Published: March 14, 2022 09:39:22 pm
अशोकनगर. करीला मेले के दौरान जिस नेशनल हाइवे पर वाहनों की सबसे ज्यादा भीड़ रहती है, वह नेशनल हाइवे पूरी तरह से गड्ढ़ों में तब्दील हो चुका है और इसी गड्ढ़ों में तब्दील सड़क से ही बुंदेलखंड से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के वाहन निकलेंगे। यदि समय रहते सुधार नहीं हुआ तो रास्ते पर दुर्घटना की आशंका बनती नजर आ रही है।
करीला के रंगपंचमी मेले में सबसे ज्यादा भीड़ बुंदेलखंड के श्रद्धालुओं की होती है, जो चंदेरी व बीना के रास्ते मुंगावली से निकलकर करीला पहुंचते हैं। लेकिन नेशनल हाइवे क्रमांक 346 पर मुंगावली से बंगलाचौराहा तक सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढ़े हो गए हैं और कई जगह तो स्थिति यह है कि एक तरफ के डामर एक पर्त ही पूरी तरह से उखड़ चुकी है। लेकिन करीला मेले की जानकारी होने के बावजूद भी इसे सुधारने न तो नेशनल हाइवे अथॉरिटी ने कोई ध्यान दिया और न हीं प्रशासन ने नेशनल हाइवे के सुधार के लिए पत्र लिखा। नतीजतन मेले के लिए इस सड़के के गड्ढ़ों को नहीं भरा गया, जो मेले के दौरान आवाजाही में परेशानी का दुर्घटना का कारण बन सकते हैं।
बंगलाचौराहा पर वायपास का भी नहीं हुआ सुधार-
वहीं विदिशा तरफ से आने वाले वाहनों को बंगलाचौराहा से पहले ही वायपास बनाकर करीला मार्ग पर डायवर्ट किया जाता है, ताकि बंगलाचौराहा पर एक जगह पर सभी वाहन एकत्रित होकर जाम का कारण न बने। लेकिन इस बार वायपास मार्ग भी अब तक बनकर तैयार नहीं हो सका है। वायपास मार्ग के बन जाने से बंगलाचौराहा पर सभी रास्तों के वाहन एकत्रित नहीं हो पाते हैं और विदिशा तरफ से आने वाले वाहन बंगलाचौराहा में प्रवेश करने से पहले ही वायपास से सीधे करीला मार्ग पर पहुंच जाते हैं।
प्रभारी मंत्री 17 को करेंगे तैयारियों की समीक्षा-
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री प्रद्युम्रसिंह तोमर 17 मार्च को जिले के मां जानकी मंदिर करीला में पहुंचकर मेले की तैयारियों की समीक्षा करेंगे। इसके लिए कलेक्टर आर उमा महेश्वरी ने सभी विभागों को अपनी तैयारियों पूर्ण करने के लिए 16 मार्च तक का समय दिया है। साथ ही कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि तीन दिवसीय इस रंगपंचमी मेले की तैयारियों के लिए पूरी तन्मयता के साथ कार्य करें, ताकि श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना न करना पड़े। सोमवार को कलेक्टर ने करीला पहुंचकर तैयारियों का निरीक्षण भी किया।
यह भी खास-
- रंगपंचमी मेले के लिए सिर्फ सात दिन ही शेष बचे हैं, इससे सात दिन में ही प्रशासन को सभी शेष तैयारियां पूर्ण करना होगी, ताकि श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना न करना पड़े।
- कलेक्टर ने करीला में पेयजल लाइन का विस्तार कर टोंटियों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए हैं, ताकि ज्यादा स्थानों पर श्रद्धालुओं को टोंटियों से पेयजल की व्यवस्था हो सके।
- मेले में दुकानों के लिए जगह चयनित कर दुकानें आवंटन करने का कार्य शुरु हो गया है, कलेक्टर ने दुकानों के बीच पर्याप्त जगह रखने के निर्देश दिए हैं, ताकि लोग निकल सकें।

गड्ढ़ों में तब्दील नेशनल हाईवे, यहीं से निकलेंगे बुंदेलखंड के लाखों श्रद्धालुओं के वाहन
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