script28 साल से लड़ रहे थे प्लाट के लिए एक दिन में बनी सहमति किया राजीनामा | National Lok Adalat: fighting for a plot for 28 years, agreed in 1 day | Patrika News

28 साल से लड़ रहे थे प्लाट के लिए एक दिन में बनी सहमति किया राजीनामा

locationअशोकनगरPublished: Feb 08, 2020 10:31:30 pm

Submitted by:

Arvind jain

नेशनल लोक अदालत…- लोक अदालत में लंबित 238 प्रकरणों का हुआ निराकरण 779 पक्षकार हुए लाभंवित- चार मामलों में अलग रह रहे पति-पत्नि हुए एक, चैक बाउंस के मामले भी सुलझे

28 साल से लड़ रहे थे प्लाट के लिए एक दिन में बनी सहमति किया राजीनामा

28 साल से लड़ रहे थे प्लाट के लिए एक दिन में बनी सहमति किया राजीनामा

अशोकनगर. आमतौर पर कोर्ट में चल रहे मामलों में किसी पक्ष को जीत मिलती है, तो कोई हार का मुंह देखता है। लेकिन शनिवार को कई मामले इस तरह से सुलझाए गए जिसमें न तो किसी पक्ष की जीत हुई न ही किसी को हार का मुंह देखना पड़ा। यही कारण रहा दोनों पक्षों के लोग ही खुशी-खुशी वापस अपने घर लौटे।
शनिवार को बर्ष की प्रथम नेशनल लोक अदालत का आयोजन जिला मुख्यालय सहित मुंगावली, ईसागढ़ व चंदेरी में किया गया। लोक अदालत में लंबित व प्री-लिटिगेशन के 3001 प्रकरण रखे गए जिनमें 238 मामलों का निराकरण हुआ और 479 पक्षकार लाभांवित हुए।
निराकृत मामलों से 1 करोड़ 4 लाख90 हजार 826 रुपए की राशि की वसूली गई है। लोक अदालत का शुभारंभ जिला एवं सत्र न्यायाधीश अखिलेश जोशी ने प्रात: 10.30 बजे न्यायालय के सभाकक्ष मेंं मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर किया।
इस दौरान नोडल अधिकारी प्रिया शर्मा, सचिव एडीजे राजेन्द्र सिंह ठाकुर, पंकज वर्मा, मुख्य न्यायाधीश एवं जिला रजिस्टार अमित भूरिया, अंकित श्रीवास्तव, जिला विधिक सहायता अधिकारी डॉ. वीरेन्द्र कुमार चढ़ार, एएसपी सुनील कुमार शिवहरे, एसडीएम सुरेश जादव, अभिभाषक संघ के अध्यक्ष संदीप तिवारी, सचिव अजय रघुवंशी, एडवोकेट चंद्रशेखर साहू, पैरालीगल वालेंटियार मनीष रघुवंशी, सुरेन्द्र शर्मा, रचना गुप्ता सहित बैंक, स्वास्थ्य विभाग व अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
28 साल से लड़ रहे थे प्लाट का केस
दो पड़ोसी प्रकाशचंद जैन व गणपति शर्मा 28 साल से न्यायालय में एक प्लाट का केस लड़ रहे थे। प्रकाशचंद जैन ने एडीजे मनीष चौहान के न्यायालय मेें 1992 में केस चलाया था उनका कहना था कि उनके प्लाट पर गणपति शर्मा ने भवन निर्माण कर लिया है। जिसे न्यायाधीशों के समक्ष आपसी सदभावना से लोक अदालत में निपटाया गया और दोनों को जिला न्यायाधीश ने न्यायरूपी पौधे भेंटकर खुशी-खुशी घर भेजा।
दो वर्ष से अलग रहे पति पत्नि को मिलवाया
7 बर्ष पहले हुए विवाह के बाद तीन बर्ष से अलग रह रहे रूखसार बी निवासी शंकरकोलानी व जफर खां निवासी पठारी विदिशा आपसी सहमति से एक हुए और वरमाला पहनकर वापिस घर गए। दो बर्ष से छोटे-छोटे झगड़ों के कारण रुखसार बी अपने बच्चे के साथ मायके में पिता के साथ रह रही थी।
पुलिस परामर्श केन्द्र में मामला दर्ज हुआ। शनिवार को लोक अदालत में समझाइश के बाद आपसी सहमति बनी। दूसरे मामले में एक पति प्रवीण बड़ागांव अपनी पत्नि से पीढि़त था। पति का कहना था कि पत्नि उसे झूठे केस में फंसाने की धमकी देती है। उनकी तीन बर्ष पूर्व शादी हुई थी और शुरू से ही अलग रह रहे थे।
जिसे जिला जज के निर्देश पर परिवार परामर्श केन्द्र ने मामला सुलझाया। इसके अलावा दो बर्ष स अलग रह रहकर राधा बाई पत्नि जगभान कुशवाह कुटुम्ब न्यायालय के चक्कर काट रहे थे उनमें आपसी सहमति बनवाई गई।
५ बीमा क्लेम में २३ लाख की राशि दिलवाई
दुर्घटनाओं में घायल एवं मृतकों के मामले लंबे समय से न्यायालय में लंबित चल रहे थे जिनमें ५ प्रकरणों में बीमा कंपनी से २३ लाख की राशि संबंधितों को दिए जाने के आदेश दिए गए। एडवोकेट दुर्गेश पाराशर ने बताया कि ढाकोनी के पास कांतिबाई आदिवासी के २० बर्ष के लड़के को किशोर बस ने पैदल जाते समय टक्कर मार दी थी जिससे उसकी मृत्यु हो गई थी।
उन्हें न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी से 7 लाख 90 हजार में राजीनाम करवाया। वहीं रत्नू बनाम जगप्रीत में भी 7 लाख रुपए में राजीनामा हुआ। इसके अलावा चैक बाउंस के 5 मामलों का निराकरण भी लोक अदालत में किया गया।

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