1. स्टेशन रोड पर दुकानों तक किया डामर
सड़क पर दुकानों और हाथठेलों का कब्जा देख चौड़ीकरण किया गया। दोनों तरफ की फु टपाथ को खत्मकर दुकानों के दरबाजों तक डामरीकरण किया गया। साथ ही यातायात ने लाइन खींचकर वाहनों को उसके अंदर रखने के निर्देश दिए। लेकिन अब जहां दोनों तरफ सड़क पर दुकानों का सामान रखा रहता है, तो कई दुकानें सड़क पर ही चल रही हैं। वहीं रही सही कसर को लोग को लोग रुतबा दिखाने सड़क पर ही दोपहिया-चारपहिया वाहनों को रखकर पूरी कर रहे हैं। नतीजतन दोपहिया वाहन और पैदल निकलने भी लोगों को मशक्कत करना पड़ती है।
विदिशा रोड का निर्माण अतिक्रमण हटाने के लिए नपा ने देरी से शुरू कराया। दुकानों व कब्जों की तोडफ़ोड़ कर और अस्थाई दुकानदारों को खदेड़कर व सामान जब्त कराकर सड़क को अतिक्रमण मुक्त किया। इससे सड़क की चौड़ाई तीन गुना हो गई थी। नपा ने चौड़ीकरण कार्य शुरू किया और अभी सड़क निर्माण पूरा नहीं हो पाया, लेकिन सड़क पर फि र से पूर्व की तरह अतिक्रमण होने लगा है। वहीं हाथठेले भी सड़कों पर ही लगते हैं और सड़क पर ही वाहनों को सुधारने का काम हो रहा है।
शहर के गांधी पार्क, इंदिरा पार्क और तुलसी पार्क सहित अन्य पार्कों को यह कहकर छोटा किया गया कि इससे पार्कों का चौड़ीकरण हो जाएगा। लेकिन पार्कों के छोटे होते ही ज्यादा संख्या में सब्जीए फल सहित अन्य दुकानें लगने लगीं। इससे चौड़ीकरण की बजाय यह चौराहे और संकरे हो गए हैं और अब शहरवासी भी इन जगहों से निकल जाने को जंग जीतने की तरह महसूस करने लगे हैं।