प्रदेश सरकार ने निर्यात के लिए प्रत्येक जिले से अच्छी क्वालिटी के ङ्क्षजस चिन्ह्ति करने के निर्देश दिए हैं। इससे कृषि उपसंचालक, उद्यानिकी, उद्योग विभाग और मंडी सचिव ने व्यापारियों के साथ बैठक कर गेहूं व देशी चना को जिले से निर्यात के लिए चिह्नित किया है। गेहूं तो निर्यात हो ही रहा है, यदि शासन से स्वीकृति मिली तो देशी चना भी निर्यात किया जाएगा। थर्ड पार्टी की वजाय सीधे व्यापारी ही अनाज को विदेशों में निर्यात कर सकेंगे। इसके लिए जिले के 34 व्यापारियों ने रजिस्ट्रेशन भी कराए हैं, ताकि वह सीधे ही अनाज की इंटरनेशनल स्तर पर सप्लाई कर सकें।
यह होगा फायदा: थर्ड पार्टी की वजाय किसान व व्यापारियों को मिलेगा लाभ अभी जिले के व्यापारी अनाज खरीदकर निर्यात के लिए दूसरे बड़े व्यापारी को बेचते हैं। इससे इंटरनेशनल स्तर से मिलने वाली अनाज की कीमतों का सीधा लाभ उस बड़े व्यापारी को होता है, लेकिन जब जिले के व्यापारी ही इंटरनेशनल स्तर पर अनाज की सप्लाई करने लगेंगे, तो वहां से मिलने वाली अनाज की कीमतों का लाभ सीधे ही जिले के व्यापारियों व किसानों को मिलेगा। इससे जिले का बाजार व किसानों की स्थिति में सुधार हो सकेगा, लेकिन व्यापारियों का कहना है कि इसके लिए शासन को सुविधाएं उपलब्ध कराना होंगी।
समस्या: अनाज भेजने प्राइम बुङ्क्षकग पर भी नहीं मिल रही रैक व्यापारियों ने बताया कि एक अप्रेल से अब तक जिले से 1.34 लाख क्विंटल गेहूं का निर्यात हो चुका है और अभी करीब तीन लाख क्विंटल गेहूं निर्यात के लिए रखा हुआ है, जिसका खरीदार से सौदा तो हो गया, लेकिन बुङ्क्षकग करने के बाद भी एक महीने से रैक नहीं मिल पा रही है। जबकि जिस खरीदार को यह गेहूं भेजा जाना है, उसने जहाज बुक कर लिया है और खरीदार का व्यापारियों पर अनाज जल्दी भेजने का प्रेशर है, लेकिन रैक न मिलने से व्यापारी इस गेहूं को भेज नहीं पा रहे हैं, वहीं पहले से सौदा हो जाने से अन्य दूसरे को भी नहीं बेंच पा रहे हैं।
व्यापारियों को लाभ प्रदेश सरकार ने निर्यात के लिए प्रत्येक जिले से अच्छी क्वालिटी के ङ्क्षजस चिन्ह्ति करने के निर्देश दिए हैं। इससे कृषि उपसंचालक, उद्यानिकी, उद्योग विभाग और मंडी सचिव ने व्यापारियों के साथ बैठक कर गेहूं व देशी चना को जिले से निर्यात के लिए चिह्नित किया है। गेहूं तो निर्यात हो ही रहा है, यदि शासन से स्वीकृति मिली तो देशी चना भी निर्यात किया जाएगा। थर्ड पार्टी की वजाय सीधे व्यापारी ही अनाज को विदेशों में निर्यात कर सकेंगे। इसके लिए जिले के 34 व्यापारियों ने रजिस्ट्रेशन भी कराए हैं, ताकि वह सीधे ही अनाज की इंटरनेशनल स्तर पर सप्लाई कर सकें।
यह होगा फायदा: थर्ड पार्टी की वजाय किसान व व्यापारियों को मिलेगा लाभ अभी जिले के व्यापारी अनाज खरीदकर निर्यात के लिए दूसरे बड़े व्यापारी को बेचते हैं। इससे इंटरनेशनल स्तर से मिलने वाली अनाज की कीमतों का सीधा लाभ उस बड़े व्यापारी को होता है, लेकिन जब जिले के व्यापारी ही इंटरनेशनल स्तर पर अनाज की सप्लाई करने लगेंगे, तो वहां से मिलने वाली अनाज की कीमतों का लाभ सीधे ही जिले के व्यापारियों व किसानों को मिलेगा। इससे जिले का बाजार व किसानों की स्थिति में सुधार हो सकेगा, लेकिन व्यापारियों का कहना है कि इसके लिए शासन को सुविधाएं उपलब्ध कराना होंगी।
समस्या: अनाज भेजने प्राइम बुङ्क्षकग पर भी नहीं मिल रही रैक व्यापारियों ने बताया कि एक अप्रेल से अब तक जिले से 1.34 लाख क्विंटल गेहूं का निर्यात हो चुका है और अभी करीब तीन लाख क्विंटल गेहूं निर्यात के लिए रखा हुआ है, जिसका खरीदार से सौदा तो हो गया, लेकिन बुङ्क्षकग करने के बाद भी एक महीने से रैक नहीं मिल पा रही है। जबकि जिस खरीदार को यह गेहूं भेजा जाना है, उसने जहाज बुक कर लिया है और खरीदार का व्यापारियों पर अनाज जल्दी भेजने का प्रेशर है, लेकिन रैक न मिलने से व्यापारी इस गेहूं को भेज नहीं पा रहे हैं, वहीं पहले से सौदा हो जाने से अन्य दूसरे को भी नहीं बेंच पा रहे हैं।
व्यापारियों को लाभ शासन ने जिले से अच्छी क्वालिटी का ङ्क्षजस चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं और शासन निर्यात के लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना चाहता है। जिले से गेहूं के अलावा देशी चना को भी चिन्ह्ति किया है, जिसकी वरिष्ठ कार्यालय को जानकारी भेजी जा रही है। प्रयास चल रहा है कि व्यापारी सीधे ही निर्यात कर सकें और जिले के व्यापारियों व किसानों को लाभ मिल सके।
केएस केन, उपसंचाक कृषि विभाग जानकारी भेजी जा रही सीधे ही निर्यात करने मंडी बोर्ड के एमडी ने व्यापारियों के साथ कई बैठक की हैं, इसमें डायरेक्ट निर्यात के निर्देश दिए है और 34 व्यापारियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। १ अप्रेल से अब तक 1.34 लाख क्विंटल गेहूं का निर्यात भी प्रदेश के बाहर हो चुका है। दूसरी ङ्क्षजस चना को चिह्नित कर जानकारी भेजी जा रही है।
भागीरथ अहिरवार, प्रभारी सचिव कृषि मंडी अशोकनगर खरीदार का प्रेशर 50 प्रतिशत व्यापारी गेहूं-चना का एक्सपोर्ट करना चाहते हैं, शासन साधन उपलब्ध कराए। एक महीने से रैक नहीं मिल रही, प्राइम स्कीम में भी रैक नहीं मिली। सौदे करके गेहूं रखा हुआ है और जिसे न भेज पा रहे हैं और न अन्य को बेच पा रहे। 20 रैक गेहूं रखा हुआ है। खरीदार का प्रेशर है कि जहाज बुक हो गया, जल्दी भेजो।
राजेश जैन, व्यापारी शासन ने जिले से अच्छी क्वालिटी का ङ्क्षजस चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं और शासन निर्यात के लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना चाहता है। जिले से गेहूं के अलावा देशी चना को भी चिन्ह्ति किया है, जिसकी वरिष्ठ कार्यालय को जानकारी भेजी जा रही है। प्रयास चल रहा है कि व्यापारी सीधे ही निर्यात कर सकें और जिले के व्यापारियों व किसानों को लाभ मिल सके।
केएस केन, उपसंचाक कृषि विभाग जानकारी भेजी जा रही सीधे ही निर्यात करने मंडी बोर्ड के एमडी ने व्यापारियों के साथ कई बैठक की हैं, इसमें डायरेक्ट निर्यात के निर्देश दिए है और 34 व्यापारियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। १ अप्रेल से अब तक 1.34 लाख क्विंटल गेहूं का निर्यात भी प्रदेश के बाहर हो चुका है। दूसरी ङ्क्षजस चना को चिह्नित कर जानकारी भेजी जा रही है।
भागीरथ अहिरवार, प्रभारी सचिव कृषि मंडी अशोकनगर खरीदार का प्रेशर 50 प्रतिशत व्यापारी गेहूं-चना का एक्सपोर्ट करना चाहते हैं, शासन साधन उपलब्ध कराए। एक महीने से रैक नहीं मिल रही, प्राइम स्कीम में भी रैक नहीं मिली। सौदे करके गेहूं रखा हुआ है और जिसे न भेज पा रहे हैं और न अन्य को बेच पा रहे। 20 रैक गेहूं रखा हुआ है। खरीदार का प्रेशर है कि जहाज बुक हो गया, जल्दी भेजो।
राजेश जैन, व्यापारी