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ओबीसी आरक्षण: शहर में निकाली ओबीसी महासभा ने रैली, घटे आरक्षण व मंहगाई पर जताया विरोध

locationअशोकनगरPublished: May 21, 2022 09:08:35 pm

Submitted by:

Arvind jain

बंद को नहीं बाजार का समर्थन, अध्यक्ष बोले हम नहीं आएंगे तो कैसे करोगे दुकानदारी- दुकानदारों से हुई बहस, तो पुलिस ने कहा विवाद नहीं सिर्फ कर सकते हो निवेदन।

OBC Reservation

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अशोकनगर. त्रिस्तरीय पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनावों में ओबीसी का आरक्षण घटने पर ओबीसी महासभा ने विरोध जताया। साथ ही बाजार बंद का आह्वान किया, लेकिन बाजार में बंद को समर्थन नहीं मिला, तो प्रदेश अध्यक्ष बोले हम लोग ही करते हैं खरीदी जिस दिन नहीं आएंगे तो दुकान चलाने का चारा भी नहीं बचेगा।
ओबीसी महासभा ने शनिवार को बाजार बंद का आह्वान किया था, लेकिन शहर में शनिवार का हाट का दिन होता है। इससे सुबह 9 बजे से ही दुकानें खुल गईं। दोपहर में ओबीसी महासभा ने शहर के लव-कुश मंदिर से हाथों में तख्तियां लेकर रैली निकाली और दुकानदारों से दोपहर 2 बजे तक दुकानें बंद करने की अपील की, साथ ही प्रदेश अध्यक्ष बृजेंद्र यादव ने कहा कि ओबीसी व एससी-एसटी के लोग भी दुकानों पर खरीदी करने आते हैं, इसलिए बाजार बंद कर सहयोग करें, लेकिन जब किसी ने दुकान बंद नहीं की तो प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जिस दिन हम नहीं आएंगे तो दुकानदारी चलाने का चारा भी नहीं बचेगा।
दुकानदारों से हुई बहस तो पुलिस ने रोका-
बाजार में दुकानें बंद न होने पर ओबीसी महासभा की रैली में शामिल कुछ लोगों ने दुकानदारों से बहस करना शुरु कर दिया और दुकानदार भी बहस करते दिखे। इससे वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों ने रैली को आगे बढ़ा दिया और कि आप सिर्फ निवेदन कर सकते हो, यदि कोई बंद नहीं करता तो उससे विवाद नहीं कर सकते। बाद में ओबीसी महासभा ने राष्ट्रपति व राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया। रैली में करीब तीन दर्जन लोग थे, जिनमें करीब दर्जनभर कांग्रेसी शामिल थे।
बाजार बंद कराने घूमते रहे, खुद की दिनभर खुली रही-
ओबीसी महासभा के नगर अध्यक्ष व कांग्रेस नेता रामस्वरूप शिवहरे बाजार बंद कराने के लिए शहर में दिनभर घूमते रहे और रैली के दौरान भी बाजार में लोगों से दुकानें बंद करने की अपील करते रहे। जबकि उनकी खुद की दुकान सुबह से ही खुली रही और बाजार बंद के दौरान बंद नहीं हुई। इससे लोगों ने नाराजगी जताई और सोशल मीडिया पर उनकी दुकान की तस्वीरें पोस्ट कीं। साथ ही कई दुकानदार भी इस भेदभाव पर नाराजगी जताते नजर आए और कहा कि पदाधिकारियों को पहले खुद की दुकानें बंद करना चाहिए, इसके बाद दूसरों की दुकानें बंद कराएं।
ओबीसी महासभा ने यह की मांग-
– पिछड़े वर्ग को 51 प्रतिशत आरक्षण दिलाने के लिए 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण की बाध्यता को खत्म करने कानून बनाएं।
– पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनावों में पिछड़े वर्ग को संख्या के अनुपात में पूर्ण प्रतिनिधित्व आरक्षण दिया जाए।
– ओबीसी महासभा छतरपुर के जिलाध्यक्ष कृष्णा पटेल, सचिव नरेंद्र पटेल व अन्य पर दर्ज 376 का प्रकरण वापस लिया जाए।
– मप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ग एक व दो में चयनित सभी विषयों में 27 प्रतिशत आरक्षण के साथ सूची जारी कर नियुक्ति दें।
– मप्र लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में 27 प्रतिशत आरक्षण के साथ सूची जारी कर नियुक्ति प्रदान की जाए।
– किसानों की फसल जो समर्थन मूल्य पर खरीदी गई है, लंबित भुगतान पर मंहगाई दर के हिसाब से भुगतान किया जाए।
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