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अशोकनगर

रहने को नहीं घर और झोलों में गृहस्थी, स्टेशन पर रात गुजार रहे दर्जन भर वृद्ध

-ठंड के मौसम में बढ़ गई इन बेघर वृद्धों की परेशानीए रातभर ठिठुरने के लिए हैं मजबूर।

अशोकनगरNov 16, 2018 / 08:14 am

Arvind jain

NEWS

रहने को नहीं घर और झोलों में गृहस्थी, स्टेशन पर रात गुजार रहे दर्जन भर वृद्ध

अशोकनगर. शासन ने भले ही निशक्तों के लिए कई योजनाएं बनाई हों, लेकिन शहर में ही दर्जन भर से अधिक ऐंसे वृद्ध हैं जिनके पास सिर छिपाने के लिए घर नहीं हैं और उनकी गृहस्थी भी झोलों में सिमट चुकी हैए जो स्टेशन पर रात गुजारने के लिए मजबूर हैं।
बेघर यह वृद्ध महिला.पुरुष दिनभर तो शहर की सड़कों पर भटकते रहते हैं, लेकिन रात होते ही स्टेशन पर पहुंच जाते हैं और प्लेटफ ार्म पर कोनों में सोकर रात गुजारते हैं। इनमें तीन वृद्धों को तो स्टेशन पर ही रहते हुए दो से तीन साल बीत गए हैं और बेघर होने से भटकने की वजह से कई की तो मानसिक स्थिति भी गड़बड़ा गई है और उन्हें स्टेशन पर यात्री अब पागल समझने लगे हैं। लेकिन उनकी इस समस्या पर न तो प्रशासन ने कोई ध्यान दिया और न हीं जिम्मेदार सामाजिक न्याय विभाग ने।

नपा के सराय में ताला स्टेशन पर ठंड बनी परेशानी
नपा ने बस स्टैंड पर यात्रियों और ऐंसे निशक्तों को रात गुजारने के लिए सराय का निर्माण कराया। तैयार होने के कुछ दिन तो यह सराय लोगों के लिए खुलीए लेकिन अब उसमें ताला लटका हुआ है। जबकि यह वृद्ध स्टेशन पर ठंड से जूझ रहे हैं।
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