मां जानकी मंदिर करीला में 24 मार्च से तीन दिवसीय मेला शुरू हो जाएगा और 15 से 20 लाख श्रद्धालुओं के इस मेले में पहुंचने का अनुमान है। लेकिन इस बार करीला पहुंचने के लिए वाहनों को कच्चे रास्ते से होकर निकलना पड़ेगा। शासन ने दिसंबर 2017 में तीनों पहुंच मार्गों का निर्माण स्वीकृत कर दिया था और इनके टेण्डर भी हो गए थे। इससे निर्माण कंपनी ने जर्जर हो चुके बंगलाचौराहा-बामौरी शाला मार्ग को उखाड़कर बेसमेंट का काम शुरू कर दिया था। इससे विभाग ने भी मेले से पहले सड़कें तैयार कराने का लक्ष्य रखा था, लेकिन बंगलाचौराहा-बामौरीशाला मार्ग और वीआईपी मार्ग के निर्माण के लिए तो शासन से अब तक एक भी रुपए की राशि नहीं मिल सकी।
नतीजतन दोनों ही सड़कों का निर्माण अब मेले तक होना संभव नहीं है। वहीं बेलई-करीला मार्ग का निर्माण मप्र सड़क विकास प्राधिकरण को कराना है, लेकिन टेण्डर हो जाने के बावजूद भी निर्माण कंपनी ने इस पर निर्माण कार्य शुरू नहीं किया है। इससे करीला पहुंचने वाली तीनों ही सड़कें इस बार श्रद्धालुओं के लिए परेशानी का कारण बन सकती है।
वाहन निकालने 10 मीटर चौड़े कराए दोनों सड़कों पर रास्ते-
करीला मेले में आने वाले वाहनों की समस्या को देखते हुए पीडब्लयडृी ने बंगलाचौराहा-बामौरीशाला और वीआईपी मार्ग को सुधारने का काम शुरू कर दिया है। इसके लिए रास्तों की चौड़ाई को बढ़ाकर 10 मीटर चौड़ा कराया गया है। साथ ही मिट्टी से इनका बेसमेंट तैयार कर दिया गया है और अब पानी डालकर रोलिंग से दबाने का काम किया जा रहा है, ताकि मेले के समय वाहन बिना किसी परेशानी इन रास्तों से निकल सकें। वहीं मप्र सड़क विकास प्राधिकरण ने बेलई-करीला मार्ग के गड्ढ़ों को मिट्टी से भरवाया गया है, लेकिन यह गड्ढ़े मेले के समय आवाजाही में दुर्घटना का कारण बन सकते हैं।
रफ्तार पर रोक नहीं लगी, तो रहेगा फिसलने का डर-
करीला पहुंचने के लिए बंगलाचौराहा-बामौरीशाला मार्ग और वीआईपी मार्ग मिट्टी से तैयार किए गए हैं। विभाग का दावा है कि इन पर आवाजाही में कोई समस्या नहीं आएगी, लेकिन जानकारों का मानना है कि मेले के समय श्रद्धालुओं के वाहनों की रफ्तार को कम कराना पड़ेगी, नहीं तो इन कच्चे रास्तों पर वाहनों के फिसलने का डर रहेगा। यदि वाहन फिसला तो दुर्घटना हो सकती है, क्योंकि मेले के लिए करीला जहां 15 से 20 लाख श्रद्धालु पहुंचते हैं तो उन्हें लेकर पहुंचने वाले वाहनों की संख्या में भी 50 हजार से ज्यादा रहती है।
मेले के दौरान यह भी होंगे कार्य-
– वाहनों को करीला मंदिर से तीन किमी दूर रोक दिया जाएगा, इसके लिए 30 ड्रॉप गेट बनाए जाएंगे और ड्रॉप गेट से आगे वाहनों को नहीं जाने दिया जाएगा।
– सड़कें संकरी होने की वजह से श्रद्धालुओं के तेज रफ्तार वाहन खेतों में से होकर निकल जाते थे, लेकिन रास्ते 10 मीटर चौड़े होने से फसलों में वाहनों को नहीं घुसने दिया जाएगा।
– मेले के लिए तीन पार्किंग स्थल तैयार किए जाएंगे, इसमें एक पार्किंग स्थल अधिकारियों व वीआईपी के लिए रेस्ट हाउस के पास बनाया जाएगा।
– आबादी वाले क्षेत्रों से वाहनों को नहीं निकलने दिया जाएगा और इसके लिए जिले में कई अस्थाई वायपास तैयार कराए जाएंगे।
– पहुंच मार्गों पर बेरीकेटिंग की जाएगी और पुलिस बल भी तैनात किया जाएगा ताकि पहुंच मार्गों पर श्रद्धालुओं को जाम की समस्या से परेशान न होना पड़े।
बंगलाचौराहा-बामोरीशाला मार्ग को 10 मीटर चौड़ा करके बेसमेंट तैयार करा दिया है और पानी डालकर रोलर से रास्ते को मजबूत किया जा रहा है। वहीं वीआईपी रोड पर भी बेसमेंट का काम 60 फीसदी हो चुका है और बेसमेंट कार्य जल्दी पूरा करा लिया जाएगा, इस सड़क को भी 10 मीटर चौड़ा बनाया जा रहा है। मिट्टी से तैयार बेसमेंट पर हम पानी डालकर कई बार रोलर चला चुके हैं, आवाजाही में कोई समस्या नहीं आने दी जाएगी।
बीएम शर्मा, एसडीओ पीडब्ल्यूडी विभाग मुंगावली
निर्माण के लिए फंड नहीं मिला, इससे दोनों ही सड़कों का निर्माण नहीं हो पाया है। हालांकि इन सड़कों को मेले के लिए तैयार कराया जा रहा है और इसमें विशेष ध्यान दिया जा रहा है कि आवाजाही में समस्या न बने। हालांकि गिट्टी और डामरीकरण का काम इन दोनों सड़कों पर अभी नहीं हो सकेगा।
दिलीप बिगोनिया, ईई पीडब्ल्यूडी अशोकनगर