script31 में से 28 तालाब और 15 स्टॉपडेम सूखे, हैंडपंप भी बंद | Out of 31 ponds and 15 stopsdams dry, handpumps also closed | Patrika News

31 में से 28 तालाब और 15 स्टॉपडेम सूखे, हैंडपंप भी बंद

locationअशोकनगरPublished: Apr 17, 2018 12:11:39 pm

Submitted by:

Praveen tamrakar

अशोकनगर. बढ़ती गर्मी के साथ जहां सभी नदियों में तो पानी बचा ही नहीं है, वहीं जिले के 31 तालाबों में से 28 तालाब पूरी तरह से सूख चुके हैं।

news

Ashoknagar The cracks in this way in the pond by drying water.

अशोकनगर. बढ़ती गर्मी के साथ जहां सभी नदियों में तो पानी बचा ही नहीं है, वहीं जिले के 31 तालाबों में से 28 तालाब पूरी तरह से सूख चुके हैं। इसके अलावा पानी एकत्रित करने नदियों पर बने सभी 15 स्टॉपडेम भी सूख गए हैं। इससे आसपास के सैकड़ों हैंडपंपों में पानी आना बंद हो गया है और ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल की समस्या विकराल हो चुकी है।

नतीजतन घरों पर पेयजल की व्यवस्था करने के लिए ग्रामीणों को अब दो से तीन किमी खेतों से पानी ढोकर लाना पड़ रहा है। जिले में सिंचाई विभाग के 31 तालाब और 15 स्टॉपडेम है। विभाग के मुताबिक इनमें से सिर्फ तीन तालाबों में ही पानी बचा है। इसमें से 23 फीट क्षमता वाले कोंचा बांध में मात्र 10 फीट पानी बचा है। वहीं शहर के तुलसी सरोवर में 9 फीट पानी और शहर को पेयजल सप्लाई करने वाले अमाही तालाब में मात्र सात फीट पानी ही बचा है। इसके अलावा जिले के अन्य तालाब पूरी तरह से सूख चुके हैं। इससे करीब 200 गांवों में पेयजल स्रोतों का जलस्तर गंभीर स्थिति तक घट गया है और ज्यादातर हैंडपंप सूख चुके हैं, वहीं जो हैंडपंप चालू हैं उनमें एक-एक कैन भरने में पसीना बहाना पड़ता है।

शहर में भी गंभीर होने लगी समस्या
शहर में भी पानी की समस्या गंभीर होती नजर आ रही है। शहर की प्यास बुझाने वाले अमाही तालाब में महीनेभर में डेढ़ फीट पानी घट गया है और अब सिर्फ सात फीट ही पानी है, जो अब शहर को महीनेभर तक पानी उपलब्ध नहीं करा पाएगा। शहर की 30 फीसदी आबादी तो पानी के लिए परेशान है ही, लेकिन अमाही तालाब सूखने से स्थिति विकराल होने की आशंका है।

पानी ढोने की मशक्कत
भू-जलस्तर घट जाने से क्षेत्र के जमुनिया, फुटेरा, दंगल्या, गर्रोली, बाबूपुर, महू, आलमपुर, बरखाना, डोंगरा, कर्रा, बीलाखेड़ा सहित करीब दो सैकड़ा गांवों में महिला-पुरुष सुबह से ही खाली बर्तन लेकर पानी की तलाश में निकल जाते हैं और दो से तीन किमी दूर खेतों से या अन्य गांवों से पानी लाने को मजबूर हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो