पंचायत व निकाय चुनाव: आरक्षण के साथ शुरु हुई दावेदारों की सक्रियता, लगने लगीं चुनावी चौपालें
अध्यक्ष बनने दूसरों को बता रहे थे पार्षद दावेदार, नियम बदला तो वार्ड में खुद सक्रिय
अशोकनगर
Updated: May 26, 2022 09:51:59 pm
अशोकनगर. त्रिस्तरीय पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनावों की आरक्षण प्रक्रिया पूर्ण होते ही दावेदार सक्रिय हो गए हैं। लेकिन नगरीय निकाय चुनावों में अध्यक्ष पद के दावेदारों की समस्या बढ़ गई, जो पहले तो वार्डों में दूसरों को पार्षद पद का दावेदार बता रहे थे लेकिन अध्यक्ष चुनाव का नियम बदला तो खुद ही पार्षद पद के लिए वार्डों में सक्रिय हो गए हैं।
नगरीय क्षेत्र में शहर के वार्ड क्रमांक 5, 6 व 19 पर बड़ी संख्या में सामान्य वर्ग के दिग्गज चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं, जिन्होंने घर-घर जाकर लोगों से संपर्क करने या फोन के माध्यम से जनता को साधने का काम भी शुरु कर दिया है। तो वहीं अन्य वार्डों में भी ऐसी ही स्थिति है। इस बार नगरीय निकायों में पार्षद ही अध्यक्ष का चुनाव करेंगे, इससे अध्यक्ष पद के दावेदार वार्ड पार्षद बनने की रूपरेखा बनाने में जुट गए हैं, तो वहीं अपने खास लोगों को ही अन्य वार्डों से उम्मीदवार बनाने की भी रणनीति बनाते लोग देखे जा रहे हैं।
समर्थक सोशल मीडिया पर बता रहे प्रबल दावेदार-
लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से दावेदारी दिखाना शुरु कर दिया है, तो वहीं समर्थकों के माध्यम से भी सोशल मीडिया पर खुद को प्रबल दावेदार बताने का दौर शुरु हो गया है। आरक्षण प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद रात से ही नगरीय निकाय चुनावों की दावेदारी का सोशल मीडिया पर दौर शुरु हो गया है। इससे दिनभर सोशल मीडिया पर दावेदारी का दौर जारी रहा।
कांग्रेस ने कहा निकाय चुनाव दो कानून चला रही सरकार-
कांग्रेस के कार्यवाहक जिलाध्यक्ष सोनू सुमन का कहना है कि नगरीय निकाय चुनाव में सरकार प्रदेश में दो कानून चला रही है। कांग्रेस सरकार ने जो निर्णय लिया था और अध्यादेश लाए थे, पूरे नियम व कानून के दायरे में वह प्रक्रिया कराई जा रही थी, लेकिन भाजपा सरकार कानून व संविधान को तोड़-मरोड कर दो तरह के कानून लागू कर रही है, जिसमें महापौर को तो सीधे जनता चुनेगी, लेकिन नगरपालिकाओं के अध्यक्ष को पार्षद चुनेंगे।

Panchayat and civic elections
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