प्रदेश के मंत्रालयों में तो 15 अगस्त से ई-ऑफिस व्यवस्था शुरु हो गई है और अब शासन ने जिलों में भी इसे लागू करने का निर्णय लिया है। इसके लिए सभी अधिकारी-कर्मचारियों के शासकीय लॉग-इन आईडी बनाए जाएंगे।
अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा
साथ ही ऑफिस के सभी कार्य सॉफ्टवेयर पर ऑनलाइन दर्ज किए जाएंगे। इसके बाद अधिकारी-कर्मचारियों को दर्ज इसका प्रशिक्षण दिया जाएगा। लॉग-इन आईडी बनाने के लिए एनआईसी विभाग ने सभी अधिकारी-कर्मचारियों की 10 सितंबर तक जानकारी मांगी है। इसके बाद ऑनलाइन का पूरा काम 31 दिसंबर तक पूर्ण करने के शासन ने निर्देश दिए हैं।
ई-ऑफिस से यह होगा लाभ-
ई-ऑफिस होने से पूरी कागजी प्रक्रिया बंद हो जाएगी और हर कार्य ऑनलाइन किया जाएगा। इससे फाईलें लेकर ऑफिसों तक जाने की वजाय सीधे ही ऑनलाइन भेज दी जाएंगी। इससे अधिकारी ऑनलाइन ही पूरे काम की मॉनीटरिंग कर लेंगे और उन पर टीप अंकित तक एप्रूवल दे सकेंगे। एनआईसी के मुताबिक इससे समय की बचत होगी और कार्य की पारदर्शिता भी बढ़ेगी।
हमने मास्टर ट्रेनर तैयार कर लिए हैं और सभी अधिकारी-कर्मचारियों को ऑनलाइन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। पूरा काम 31 दिसंबर तक करने के निर्देश शासन ने दिए हैं। इससे फाइल मेनेजमेन्ट सिस्टम, नॉलेज मेनेजमेन्ट सिस्टम, मेनेजमेन्ट सर्विसेज, लीव मेनेजमेन्ट सिस्टम, टूर मेनेजमेन्ट सिस्टम, पर्सनल इन्फॉरमेशन सिस्टम एवं एसीआर मेनेजमेन्ट सिस्टम शामिल हैं।
एसके जैन, सूचना विज्ञान अधिकारी एनआईसी अशोकनगर