इससे किसान ने थाने में पहुंचकर शिकायत की और समिति प्रबंधक पर 10 हजार रुपए की मांग करने व गाली-गलौंच करने का आरोप लगाया है। हालांकि समिति प्रबंधक ने इस शिकायत को झूठा बताया और कहा कि सात किसानों की राशि विभाग से ही नहीं आई थी, इसलिए भुगतान नहीं हो सका।
मामला ऊमरी उपार्जन केंद्र का है। धौरा गांव निवासी ब्रजभानसिंह पुत्र लल्लीराम यादव ने पुलिस थाने में शिकायत की कि आठ जून को उसने 40 क्विंटल चना खरीदी केंद्र पर बेचा था, बेचे गए चना की समिति प्रबंधक ने एक महीने बाद रसीद दी।
चना का 1.76 लाख रुपए भुगतान होना था, लेकिन भुगतान न होने की शिकायत की तो समिति प्रबंधक अमरसिंह यादव ने 10 हजार रुपए रिश्वत मांगी। मामले की शिकायत जब जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में की, तो उन्होंने फिर से समिति प्रबंधक के पास भेज दिया। इससे समिति प्रबंधक ने गाली-गलौंच की। किसान ने शिकायत में समिति प्रबंधक के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने और अपने बेचे हुए चना की 1.76 लाख रुपए राशि का भुगतान कराने की मांग की है।
समिति प्रबंधक ने कहा सात किसानों को रुका भुगतान-
जब इस संबंध में समिति प्रबंधक अमरसिंह यादव से चर्चा की, तो समिति प्रबंधक का कहना है कि खरीदी खत्म होने के समय पर उपज बेचने वाले सात किसानों का भुगतान नहीं हुआ।
उनका कहना है कि विभाग से राशि न मिलने से इन किसानों का भुगतान नहीं हो सका। समिति प्रबंधक का कहना है कि आरोप झूठे हैं, शनिवार शाम को ही विभाग से पैसा मिला है जिसे सोमवार को किसानों के खातों में डाल दिया जाएगा।