मामला जिले में पीएचई राज्यमंत्री बृजेंद्रसिंह यादव के गृहग्राम सूरेल का है। जहां स्थित हनुमानजी के मंदिर पर नया हैंडपंप लगना है, लेकिन चर्चा हुई कि हैंडपंप कहां लगाया जाए कि पर्याप्त पानी मिल सके तो बृजेंद्रसिंह यादव ने खुद ही अपनी हथेली पर नारियल रखकर पानी की तलाश की, इसके बाद लकड़ी लेकर भी पानी की तलाश की। जिस जगह पर नारियल अपने आप उठकर हथेली पर खड़ा हो गया और लकड़ी झुकने लगीं तो उस जगह को हैंडपंप खनन के लिए चिह्नित कर दिया गया, अब उस जगह पर एक-दो दिन में हैंडपंप खनन किया जाएगा।
मंत्री बोले इसी तरह ढूंढते हैं अपने खेतों में पानी-
जमीन में पानी की तलाश करने का क्षेत्र का यह पुराना तरीका है। पीएचई राज्यमंत्री बृजेंद्रसिंह यादव ने कहा कि क्षेत्र में इसी तरह से भू-जल की तलाश होती है और पीने लायक पानी की व्यवस्था के लिए ज्यादातर बार यह तरीका सफल भी रहता है, उन्होंने कहा कि हम अपने खेतों में ट्यूबवेल खनन के लिए इन्हीं तरीकों से भू-जल में पानी की तलाश करते हैं। माना जाता है कि जिस जगह जमीन में भू-जल का स्रोत होता है, वहां नारियल स्वयं ही हथेली पर खड़ा हो जाता है और इसी तरह से लकडिय़ों से जांच के दौरान भू-जल मेे पानी का स्रोत के ऊपर पहुंचते ही लकडिय़ां हवा में मुड़ जाती हैं।
जमीन में पानी की तलाश करने का क्षेत्र का यह पुराना तरीका है। पीएचई राज्यमंत्री बृजेंद्रसिंह यादव ने कहा कि क्षेत्र में इसी तरह से भू-जल की तलाश होती है और पीने लायक पानी की व्यवस्था के लिए ज्यादातर बार यह तरीका सफल भी रहता है, उन्होंने कहा कि हम अपने खेतों में ट्यूबवेल खनन के लिए इन्हीं तरीकों से भू-जल में पानी की तलाश करते हैं। माना जाता है कि जिस जगह जमीन में भू-जल का स्रोत होता है, वहां नारियल स्वयं ही हथेली पर खड़ा हो जाता है और इसी तरह से लकडिय़ों से जांच के दौरान भू-जल मेे पानी का स्रोत के ऊपर पहुंचते ही लकडिय़ां हवा में मुड़ जाती हैं।