तीन जुलाई को शहर के प्रोसेशन रोड स्थित अनाज व्यापारी मनोज ब्रदर्स की दुकान से तारई गांव निवासी किसान राजपाल पुत्र भोलाराम सरवैया ने अपनी बेची गई फसल का 1.08 लाख रुपए का भुगतान लिया। जैसे ही हाथ में किसान ने रुपए पकड़े, तभी समय दुकान में घुसे दो लुटेरे फायरिंग कर रुपए छीन ले गए और शहर में फायरिंग करते हुए भाग गए। इस घटना के आरोपी गिरफ्तार होने पर एसपी पंकज कुमावत ने मामले का खुलासा किया और बताया कि मुखबिर से सूचना मिली कि गुना से वारदात करके दो आरोपी भाग रहे हैं, जिन्हें पकडऩे पुलिस ने नाकाबंदी की तो भिंड निवासी बरुआ चौबे उर्फ आशीश चतुर्वेदी और शिवपुरी जिले के इंदार गांव निवासी दिनेश जाटव गिरफ्त में आ गए। पुलिस ने पूछताछ की तो उन्होंने शहर में लूट की वारदात को अंजाम देना बताया। साथ ही वारदात में शहर के शंकर कॉलोनी निवासी छोटू उर्फ रामबाबू आदिवासी और मोनू अहिरवार का भी शामिल होना बताया। चारों लुटेरों के पास से पुलिस ने 49 हजार 300 रुपए और वारदात में इस्तेमाल बाइक बरामद कर ली।
50 लाख रुपए मिलने की उम्मीद में की थी लूट- पुलिस के मुताबिक पकड़े गए लुटेरों ने बताया कि पहले तो उन्होंने शहर में रैकी की और फिर वह व्यापारी की दुकान पर लूट के इरादे से आए थे और व्यापारी के पास 50 लाख रुपए मिलने की उन्हें उम्मीद थी। लेकिन लूट के दौरान किसान बीच में आ गया। इससे उससे लूट कर भाग गए। वहीं वारदात में इस्तेमाल पिस्टल भी आरोपी मोनू के पास से देहात पुलिस ने कुछ महीने पहले बरामद कर आम्र्स एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया गया था। लुटेरों की गिरफ्तारी में कोतवाली प्रभारी पीपी मुदगल, देहात थाना प्रभारी रोहित दुबे, एसआई आलोकसिंह तोमर, एएसआई शिवकुमार शर्मा, प्रधान आरक्षक वेदप्रकाश तिवारी, आरक्षक योगेश जोशी, अतेंद्रसिंह, अजीतसिंह, प्रधान आरक्षक विनोद तिवारी की महत्वपूर्ण भूमिका रही।