नईसराय-डुंगासरा के बीच स्थित पठार पर यज्ञ सम्राट के नाम से ख्याति हासिल कर चुके महंत कनक बिहारी महाराज के निर्देशन में 1 हजार 212 कुंडीय महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। 23 मई से 3 जून तक चलने वाले इस महायज्ञ में लोगों को कई आकर्षण देखने को मिलेंगे। आयोजन समिति से जुड़े पदाधिकारियों की मानें तो लगभग 16 सौ वर्ग फि ट क्षेत्र में 85 फि ट उंची यज्ञ शाला का निर्माण किया जा रहा है।
यज्ञ शाला के निर्माण के लिए खासतौर से राजस्थान के कारीगरों को बुलाया गया है। 7 मंजिला इसी यज्ञशाला के नीचे 1 हजार 212 हवन कुंड बनाए जाएंगे। इन हवन कुंडों में हर रोज तीन हजार से भी ज्यादा लोग आहुतियां देंगे। महायज्ञ की विभिन्न व्यवस्थाओं के संचालन की जिम्मेदारी 16 समितियों पर रहेगी। महायज्ञ में आवास, सुरक्षा, हवन, भोजन, स्वागत सहित अन्य कार्यों के संचालन के लिए समितियों का गठन किया जा चुका है। समितियां में स्थानीय के अलावा प्रदेश भर के लोगों को शामिल किया गया है।
यज्ञ का संकल्प कर किया है चतुर्मास
यज्ञ सम्राट के नाम से ख्याति हासिल कर चुके महंत कनक बिहारी महाराज ने यज्ञ का संकल्प लेकर खुले आसमान के नीचे चतुर्मास किया है। महायज्ञ से जुड़े डुंगासरा निवासी रघुवीर सिंह, रामकृष्ण सिंह, रामकुमार सिंह, संजीव रूसल्ला, अमित सिंह, गौरव सिंह, सुनील रूसल्ला और राकेश पचवावड़ी के अलावा अन्य लोगों ने बताया कि चतुर्मास की समाप्ति के बाद महाराज जी इंदौर, उज्जैन, रतलाम, झाबुआ, विदिशा के साथ ही प्रदेश के तमाम जिलों में भ्रमण कर महायज्ञ का प्रचार कर चुके हैं। इसके अलावा बीते दिनों कुंभ में भी खालसा लगाकर सैंकड़ों साधु संतों को महायज्ञ में आने के लिए न्यौता दिया गया है। उल्लेखनीय है कि यज्ञ सम्राट कनक बिहारी जी महाराज इसके पहले भी विदिशा जिले के गमाकर में 1 हजार 111 कुडीय यज्ञ का आयोजन करा चुके हैं।
यजमानों के आवास में प्रवेश नहीं कर सकेंगे दूसरे लोग
23 मई को कलश यात्रा के साथ शुरू होकर 3 जून तक चलने वाले महायज्ञ में यज्ञ के यजमानों के लिए अलग से आवास परिसर बनेगा। इस आवास में यज्ञ के यजमानों के अलावा अन्य लोगों के जाने पर प्रतिबंध रहेगा। यज्ञ शाला, यज्ञ वेदियों के निर्माण के लिए लगभग 1 लाख 30 हजार कच्ची और पकी हुई ईंटों की आवाश्यकता होगी।
इसके अलावा हवन सामग्री निर्माण के लिए मिक्चर मशीन और यज्ञ सामग्री यजमानों तक पहुंचाने के लिए ट्रैक्टर-ट्रालियों की व्यवस्था की जाएगी। महायज्ञ परिसर और मेला परिसर में यातायात व्यवस्था नहीं बिगड़े, इसके लिए आसपास से आने वाले वाहनों को कार्यक्रम स्थल से दो किमी दूर विभिन्न स्थानों पर पार्किंग स्थल बनाए जाएंगे। यज्ञ की सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा पुलिस प्रशासन के अलावा आयोजन समिति द्वारा तैनात किए जाने वाले सुरक्षा गार्डों पर रहेगी।
रामलीला, रासलीला के साथ ही होगी रामकथा
23 मई को कलश यात्रा के साथ शुरू होने वाले महायज्ञ में रामलीला, रासलीला के साथ ही लोगों को भगवान राम का चरित्र भी सुनने को मिलेगा। आयोजन समिति के मुताबिक सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक रामलीला का मंचन किया जाएगा। जबकि रात 8 बजे से 12 बजे तक वृंदावन से आए कलाकार रासलीला के माध्यम से भगवान कृष्ण के चरित्र का चित्रण करेंगे। इसके अलावा दोपहर 3 बजे से शाम 7 बजे तक जगतगुरू रामस्वरूपाचार्य जी महाराज श्रीराम कथा का वाचन करेंगे। वहीं दोपहर 2 बजे से 3 बजे तक कथावाचक साध्वी वर्षा देवी संगीतमयी रामकथा का वाचन करेंगी। महायज्ञ को काशी से आ रहे डा. प्रेमनारायण शास्त्री संपन्न कराएंगे।