एक अक्टूबर से बढ़ी हुई रेटें लागू हो गई है और नया खाद नई रेट पर मिल रहा है। खाद गोदाम के कर्मचारियों के मुताबिक सितंबर महीने तक डीएपी की 50 किलो की बोरी 1290 रुपए में मिल रही थी, लेकिन एक अक्टूबर से उसकी कीमत 1400 रुपए हो गई है। इससे डीएपी 110 रुपए बोरी मंहगा हो गया है। वहीं गेहूं में इस्तेमाल होने वाले एनपीके खाद की 50 किलो की बोरी की रेट 229 रुपए बढ़ गई है।
वहीं सिंगल सुपरफास्फेट और दाना सुपर फास्फेट की रेट में भी बढ़ोत्तरी हुई है। सबसे ज्यादा पोटाश की कीमत में बढ़ोत्तरी हुई है और सितंबर महीने तक 583 रुपए में मिलने वाली 50 किलो की एक बोरी की कीमत अब बढ़कर 945 रुपए हो गई है। हालांकि यूरिया की कीमतों में इस सीजन में कोई बदलाव नहीं हुआ है, इससे यूरिया पुरानी कीमत पर ही बिक रहा है।
फसल की रेट कम, कैसे होगी बोवनी….
किसानों का कहना है कि पिछले वर्षों की तुलना में जहां इस बार जिले में उड़द-सोयाबीन का उत्पादन करीब 20 प्रतिशत घट गया है और मंडी में भी फसलों की कीमत बहुत कम है। ऐसे में मंहगे डीजल के साथ अब मंहगा खाद भी परेशानी बनेगा,
किसानों का कहना है कि ऐसे मंहगे सामान से आखिर वह कैसे रबी सीजन की बोवनी कर पाएंगे। किसानों के मुताबिक पांच साल पहले एक क्विंटल उड़द बेचने पर तीन क्विंटल डीएपी आ जाता था, लेकिन इस बार फसलों के भाव इतने कम हैं कि एक क्विंटल उड़द में एक क्विंटल डीएपी भी नहीं आ रहा है।
वहीं डीजल और बीज की व्यवस्था भी किसानों को बोवनी के लिए करना है। साथ ही बोवनी से पहले खेतों की सिंचाई के लिए भी डीजल की जरूरत पड़ेगी। किसानों का कहना है कि मंहगाई की वजह से 30 फीसदी किसान तो बोवनी भी नहीं कर पाएंगे।
खाद पहले अब
डीएपी 1290 1400
एनपीके 1061 1290
सुपरफास्फेट 260 278
सुपर दाना 289 307
पोटाश 583 945
(रेट खाद गोदाम अनुसार, वजन 50 किलो।)