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जेल में बंद महिला कैदी की मौत

locationअशोकनगरPublished: May 31, 2019 11:20:50 am

Submitted by:

Arvind jain

– पति भी जेल में ही बंद है, जिसे पत्नी का अंतिम संस्कार कराने के लिए पुलिस अभिरक्षा में ले जाया गया।

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सिरदर्द होने से महिला कैदी हुई थी बेहोश, चार घंटे बाद अस्पताल में मौत

अशोकनगर. हत्या के आरोप में तीन साल से जेल में बंद महिला कैदी की मौत हो गई। शाम के समय अचानक बेहोश होने पर जेल प्रबंधन ने उसे जिला अस्पताल भर्ती कराया था, जहां पर चार घंटे तक इलाज के बाद महिला कैदी ने दम तोड़ दिया। मृतका का पति भी जेल में बंद है, न्यायालय के निर्देश पर पति को पुलिस अभिरक्षा में गांव ले जाकर पत्नी का अंतिम संस्कार कराया गया।


ईसागढ़ थाना क्षेत्र के महिदपुर गांव निवासी 58 वर्षीय मुन्नीबाई पत्नी घूमनसिंह कुशवाह हत्या और हत्या के प्रयास के आरोप में तीन साल से जेल में बंद थी। जो दो साल तक गुना जेल में रही और एक साल से अशोकनगर जिला जेल में विचाराधीन कैदी थी। जेल प्रबंधन के मुताबिक बुधवार शाम को अचानक उसके सिर में दर्द हुआ और बेहोश हो गई, जिसे शाम पांच बजे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया और रात को नौं बजे इलाज के दौरान मुन्नीबाई ने दम तोड़ दिया।

 

विचाराधीन कैदी की मौत की सूचना मिलते ही न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मौके पर पहुंचकर शव की जांच कराई कि कहीं मृतका के शरीर में चोट के निशान तो नहीं है। वहीं डॉक्टरों ने पैनल से पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम के बाद मृतका के शव को परिजनों को सौंप दिया गया। जेल प्रबंधन के मुताबिक मृतका बीपी की मरीज थी और कई बार उसका इलाज भी कराया गया।

बड़ी बहू को आग से जलाकर मारने का था आरोप-
जेल अधीक्षक के मुताबिक मृतक महिला कैदी तीन साल पुराने मामले में बंद थी। पुलिस के मुताबिक तीन साल पहले मृतका की बड़ी बहू शांतिबाई पत्नी जगदीश कुशवाह आग से गंभीर रूप से झुलस गई थी, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी। मृत्यू पूर्व अपने बयान में शांतिबाई ने सास मुन्नीबाई, ससुर घूमनसिंह और देवरानी राजकुमारी कुशवाह पर जलाकर मारने का आरोप लगाया था, उसके बयानों पर ही तीनों पर प्रकरण दर्ज हुआ था और सास, ससुर व देवरानी जेल में बंद थी। हालांकि देवरानी गर्भवती थी, जिससे उसकी जमानत हो गई थी। इससे मुन्नीबाई और घूमनसिंह जेल में बंद थे।

 

पहले भी हो चुकी है कैदी की मौत-
जेल में विचाराधीन कैदी की मौत हो यह पहला ही मामला नहीं है, बल्कि इससे पहले भी कैदियों की मौत हो चुकी है। करीब दो महीने पहले जेल में बंद एक निलंबित पंचायत सचिव की भी मौत हो चुकी है। इसके अलावा जेल में कैदियों के बीच मारपीट के भी कई बार मामले सामने आ चुके हैं।


विचाराधीन कैदी मुन्नीबाई दो साल गुना जेल में रही और एक साल से अशोकनगर जेल में बंद थी। जिसे बुधवार को सिरदर्द हुआ और बेहोश हो गई, इससे शाम पांच बजे अस्पताल में भर्ती कराया जहां रात नौं बजे उसकी मौत हो गई। मृतका का पति भी जेल में बंद है, जिसे न्यायिक निर्देश पर पुलिस अभिरक्षा में पत्नी के अंतिम संस्कार के लिए भेजा गया है।
आरआरसिंह, अधीक्षक जिला जेल अशोकनगर

हाई ब्लड़ प्रेशर की वजह से महिला कैदी के दिमाग की नसें फट गई थीं। ब्रेन हेमरेज की वजह से उसकी मौत हुई है।
डॉ.मुकेश गोल्या, चिकित्सक जिला अस्पताल अशोकनगर

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