रास्तों में भरे पानी में से ही होकर निकलना पड़ा
रविवार को सुबह से दिनभर बारिश जारी रही, इससे शहर की सड़कें और गलियां नदियों सी बहती नजर आईं। गलियों में पानी भर जाने से लोगों को आवाजाही में परेशानी का सामना करना पड़ा और लोगों को रास्तों में भरे पानी में से ही होकर निकलना पड़ा।
बारिश होने से नदियां उफान पर
जिले में अब तक 1121.5 मिमी बारिश हो चुकी है, जो जिले में होने वाली कुल बारिश की तुलना में 27.15 फीसदी अधिक है। ज्यादा बारिश होने से नदियां उफान पर हैं और राजघाट बांध के लगातार 10 दिन से गेट खुले हुए हैं और रविवार को भी 10 गेट खुले रहे। मौसम विभाग ने आज भी जिले के अधिकांश स्थानों पर बारिश का अनुमान बताया है।
मौसम विभाग अनुसार इन कारणों से जारी बारिश-
दक्षिण पूर्व राजस्थान और उत्तर-पश्चिम मप्र में कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। साथ ही हवा के ऊपरी भाग में 5.8 किमी की ऊंचाई तक चक्रवाती हवा का घेरा बना हुआ है।
जेसलमेर से कम दबाव के क्षेत्र से होते हुए डाल्टनगंज, मिजोरम होते हुए बांग्लादेश तक मानसून द्रोणिका बनी हुई है। दक्षिणी गुजरात एवं आसपास हवा के ऊपरी भाग में चक्रवाती हवा का घेरा बना है।
जिले में बारिश पर एक नजर-
जिले में औसत बारिश- 882 मिमी
अब तक हो चुकी बारिश- 1121.5 मिमी
पिछले वर्ष कुल बारिश- 1060.5 मिमी
औसत से तुलना- 127.15 प्रतिशत
10 गांव पानी में घिर गए थे
दो दिन पहले जिले में दो इंच बारिश हुई थी। इससे सभी नदियां उफान पर आ गईं और किनारे से पांच किमी दूर क्षेत्र तक बेतवा का पानी बहने लगा था, इससे पांच हजार हेक्टेयर की फसल पानी में डूब गई और 10 गांव पानी में घिर गए थे।
नेशनल हाईवे का पुल दिनभर डूबा रहा तो यूपी-एमपी पुल के 20 फिट ऊपर पानी बहता रहा। इससे सागर, बीना, ललितपुर, विदिशा, भोपाल सहित जिले के सभी रास्ते बंद हो गए।
दूसरे लोगों के घरों पर शरण लेना पड़ी
उफान पर आई बेतवा और कैंथन नदी ने मुंगावली ब्लॉक के सांवलहेड़ा, भेड़का, किरोला, सेमरखेड़ी, बिल्हेरू, बाढ़ौली, निटर्र, ढि़चरी सहित कई गांवों को घेर लिया। वहीं सांवलहेड़ा में निचले क्षेत्र में स्थित 20 घरों में पानी भर गया, गांव के पूर्व सरंपच बृजभानसिंह ने बताया कि ग्रामीणों को दूसरे लोगों के घरों पर शरण लेना पड़ी।