साहूकारों से लिया गया कर्जा चुकाना है
मंडी में फसलों की आवक बढ़ गई है और किसानों को नगद भुगतान चाहिए। लेकिन व्यापारियों ने एक बार फिर नगद भुगतान करना बंद कर दिया है। इसके पीछे का कारण बैंकों द्वारा नगद राशि की निकासी पर टीडीएस काटा जाना बताया गया है। इससे किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं, उन्हें फसल कटाई का पैसा देना है और अगली बोवनी की तैयारी भी करनी है। साहूकारों से लिया गया कर्जा चुकाना है।
नगद राशि न मिलने से किसान निराश
इस सबसे अधिक महत्वपूर्ण त्यौहार सिर पर हैं। दो दिन बार करवाचौथ है और फिर दीपावली का त्यौहार आ रहा है। इनकी तैयारियां भी किसानों को करनी है। नगद राशि न मिलने से किसान निराश हैं।
भुगतान के लिए परेशान
उल्लेखनीय है कि कृषि उपज मंडी में किसानों को 1 अक्टूबर से नगद भुगतान किए जाने का निर्णय हो गया था। केन्द्र सरकार द्वारा टीडीएस कटौती का निर्णय वापस लेने के बाद व्यापारी भी इसके लिए तैयार थे। लेकिन अब भी किसान नगद भुगतान के लिए परेशान हो रहे हैं।
आरटीजीएस से पेमेंट किया जा रहा
व्यापारी नगद भुगतान के बदले में प्रति क्विंटल कुछ राशि मांग रहे हैं या फिर डाक में शामिल न होकर सीधे फसल बेचने का दवाब किसानों पर बना रहे हैं। यदि किसान डाक में फसल बेचता है और मांग के अनुसार व्यापारियों को राशि नहीं देता तो उसके खाते में आरटीजीएस से पेमेंट किया जा रहा है।
व्यापारी बोले बैंक काट रहे हैं टीडीएस
केन्द्र सरकार द्वारा साल में एक करोड़ से अधिक की निकासी पर 2 प्रतिशत टीडीएस काटने के निर्णय के बाद व्यापारियों ने नगद भुगतान करने से मना कर दिया और मंडी बंद कर दी थी। लेकिन सरकार ने निर्णय वापस ले लिया और मंडी खुल गई। इसके बावजूद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक व पंजाब नेशनल बैंक नगद निकासी पर टीडीएस काट रहे हैं। शिकायत पर मंडी सचिव ने लीड बैंक अधिकारी को पत्र लिखकर आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की है।
करीब 10 हजार बोरी की आवक
मंडी में मंगलवार को नई व पुरानी फसल की कुल आवक लगभग 10 हजार बोरी रही। जिसमें सबसे अधिक आवक सोयाबीन की हुई। मंगलवार को मंडी में 6-7 हजार बोरी सोयाबीन पहुंचा। वहीं उड़द की आवक सबसे कम 150 से 200 बोरी रही। पुरानी फसलों में चना लगभग 1000 बोरी और गेहूं लगभग 1400 बोरी पहुंचा।
इनका कहना है-
मंडी में किसानों को नगद भुगतान नहीं हो रहा है। यदि नगद भुगतान चाहिए तो व्यापारियों को कमीशन काटकर देना होगा। एक क्विंटल पर 50 रुपए देना पड़ रहा है। नहीं तो पेमेंट नगर न देकर खाते में डाल रहे हैं।
करामत खां, किसान
त्यौहार आ रहा है, फसलों की बोवनी होना है। वर्तमान फसल की बोवनी व कटाई का पैसा देना है। लेकिन यहां व्यापारी नगद पेमेंट नहीं दे रहे हैं। खाते में पैसा कब आएगा और फिर हमें चक्कर काटने पड़ेंगे।
राहुल यादव, किसान आमखेड़ा सूखा
विभिन्न उपजों के भाव
उपज भाव (प्रति क्विंटल में)
सोयाबीन 2800 से 3500 रुपए
उड़द 3300 से5000 रुपए
चना 3940 से 4200 रुपए
गेहूं 2024 से 2400 रुपए