घटना गुरुवार को सुबह 9 बजे पिपरई तहसील के जमाखेड़ी गांव की है। बारिश खत्म होते गांव में कच्चे घरों की मरम्मत का काम चल रहा है। सुबह चार बच्चे मिट्टी खोदने के लिए गांव से बाहर स्थित खदान में करीब तीन फीट भीतर तक घुस गए और मिट्टी खोदने लगे।
अचानक खदान का एक बड़ा हिस्सा भरभराकर उनके ऊपर गिर गया, इससे चारों बच्चे दब गए। जब तक ग्रामीणों ने पहुंचकर मिट्टी हटाई और बाहर निकाला, तब तक 12 वर्षीय चंदो पुत्री इकबाल खान की दबने से मौत हो चुकी थी।
जिसके शव को बाहर निकाला गया। वहीं 11 वर्षीय तमन्ना पुत्री इब्राहिम खान, 12 वर्षीय अरबाज पुत्र जाकिर खान और आठ वर्षीय मुस्कान पुत्री हल्के खान को भी बाहर निकाला। यह तीनों बच्चे घायल है। इसमें तमन्ना की हालत गंभीर है, जिसे इलाज के लिए जिला अस्पताल के आईसीयू में रखा गया है।
ग्रामीणों का कहना है कि बच्चों ने मिट्टी खोदने की बात कही तो परिजनों ने उन्हें रोका था, लेकिन दूसरे बच्चों को जाते देख वह मना करने के बावजूद भी मिट्टी खोदने चले गए और हादसा हो गया।
हर साल होती हैं घटनाएं, फिर भी नहीं सजग
बारिश का मौसम खत्म होते ही अक्टूबर महीने में कच्चे घरों की मरम्मत का काम शुरू होता है, इसके लिए लोग खदानों में से मिट्टी की खुदाई कर करते हैं। इससे हर साल ही धदान धंसकने से कई लोगों की जान चली जाती है।
इसके बावजूद भी ऐसी खदानों में खुदाई रोकने के लिए न तो ग्राम पंचायतें कोई गंभीरता दिखाती हैं और न ही ग्रामीण खुद सजगता दिखाते हैं। नतीजतन हर साल खदानों में दबकर कई लोग मौत का शिकार बन जाते हैं।
गुरुवार को जमाखेड़ी गांव की जिस खदान में यह हादसा हुआ, उस जगह पर ऊपर तो मुरम है और नीचे मिट्टी है। इससे ग्रामीणों ने नीचे से खुदाई कर सुरंगनुमा खदान बना दी थी और यही लापरवाही एक बच्ची की मौत का कारण बन गई।
पहले भी हो चुके हैं हादसे, कार्रवाई नहीं
गौरतलब है कि जिलें में अवैध रूप से गई स्थानों पर खनन का कार्य चल रहा है। जहां कई बार ऐसी घंटनाएं सामने आ चुकी हैं। इसके बाद भी विभाग द्वारा किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।