scriptसाधु बोले-या तो गादी मंदिर जाएगी, या फिर अनशन के बाद हमारी देह | Sadhu-Saints fasting in Ashoknagar collectorate | Patrika News

साधु बोले-या तो गादी मंदिर जाएगी, या फिर अनशन के बाद हमारी देह

locationअशोकनगरPublished: Sep 16, 2018 10:24:54 pm

Submitted by:

Krishna singh

मां जानकी मंदिर करीला ट्रस्ट को भंग करने को लेकर साधु-संतों का धरना जारी, अनशन पर बैठे साधु-संतों की सेहत जांचने पहुंची अस्पताल की टीम, एसडीएम के सामने ही अनशनधारी की बीगड़ी तबीयत, से पहुंचाया अस्पताल

patrika news

Sadhu-Saints fasting in Ashoknagar collectorate

अशोकनगर. देशभर में प्रसिद्ध मां जानकी मंदिर करीला के ट्रस्ट को भंग करने की मांग को लेकर साधु-संतों का धरना-अनशन दूसरे दिन भी जारी रहा। जहां प्रशासनिक अधिकारियों ने पहुंचकर उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन साधु अपनी मांग पर अड़े रहे और अधिकारियों से बोले कि या तो साधुओं की गादी मंदिर जाएगी या पर फिर धरने से हमारा शरीर जाएगा। अनशन पर एक साधु व एक समर्थक का ब्लड़ प्रेशर बढ़ा हुआ मिला, तो धरने पर बैठे एक ग्रामीण को एसडीएम के सामने ही खून की उल्टियां होने लगीं। जिसे प्रशासन ने एसडीओपी के वाहन से इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया।
खुद को करीला का महंत बता रहे साधु केशवदास प्रशासन को आमरण अनशन व धरने की चेतावनी दे रहे थे और इसके लिए उन्होंने लोगों का समर्थन जुटाने करीब दो सप्ताह में हजारों पेंपलेट और पोस्टर बांटे। शनिवार दोपहर 12 बजे से वह डेढ़ दर्जन साधु-संतों और ग्रामीणों के साथ कलेक्ट्रेट के बाहर टेंट लगाकर धरने पर बैठ गए। साधु-संतों की दूसरे दिन भी अनशन व धरना जारी होने पर अस्पताल की टीम मौके पर पहुंची। जहां डॉक्टरों ने साधु-संतों और धरने पर बैठे ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जांच की। इसमें तीन लोगों की तबीयत खराब होती मिली, जिनमें एक साधु व एक ग्रामीण का ब्लड़ प्रेशर हाई मिला और दूसरे ग्रामीण की शुगर बढ़ी मिली। इस पर डॉक्टरों ने उन्हें दवाईयां दी। बाद में एसडीएम नीलेश शर्मा जब साधु-संतों को समझाने पहुंचे तो उसी दौरान अनशन पर बैठे ग्रामीण दशरथसिंह दांगी को खून की उल्टियां होने लगीं। प्रशासन ने हालत गंभीर देख दशरथसिंह को इलाज के लिए जिला अस्पताल भिजवाया, इससे वह अस्पताल में भर्ती हैं।
रातभर टेंट में ही रुके रहे साधु
अपनी मांग पर अड़े साधु-संत और ग्रामीण रातभर धरना स्थल पर टेंट में ही रुके रहे और आधी रात तक साधु वहीं बैठकर माला जपते और राम नाम जपते दिखे। वहीं रविवार को भी धरना स्थल पर ही कई साधुओं का माला जप और राम नाम लेखन का कार्य जारी रहा। रविवार को जिला पुजारी संघ ने भी साधुओं के धरना स्थल पर पहुंचकर धरने का समर्थन किया। साथ ही कहा कि प्रशासन को साधुओं की मांग पर गंभीरता दिखाना चाहिए।
अधिकारी समझाने पहुंचे, लेकिन नहीं माने साधु
डेढ़ दर्जन साधु-संतों व ग्रामीणों के धरने पर आमरण अनशन से प्रशासन की परेशानी बढ़ गई है। रविवार दोपहर एसडीएम नीलेश शर्मा, तहसीलदार इसरार खान और एसडीओपी गुरूवचनसिंह धरना स्थल पर पहुंचे।जहां पर अधिकारियों ने साधु-संतों को समझाया और कहा कि आप सभी हट जाएं और कलेक्टर मैडम ने जांच के निर्देश दिए हैं, इससे मामले की जांच शुरू हो चुकी है। इस पर साधु केशवदास ने कहा कि भले ही आप 16 साल तक जांच करते रहो, लेकिन हम अपनी मांग पूरी होने के बाद ही यहां से हटेंगे। इससे बहुत देर तक समझाईश का दौर जारी रहा, लेकिन साधु मानने को तैयार नहीं है। बाद में प्रशासन ने ग्रामीणों को हटने के लिए कहा तो धरने पर बैठे ग्रामीण बोले कि हम कम हैं और आप लोग ज्यादा हैं, इसलिए भले ही आप हमें लाठियां मारो, लेकिन हम नहीं हटेंगे। इस पर अधिकारियों ने उन्हें धमकाते हुए कहा कि आप लोग अवैध तरीके से बैठे हैं, लेकिन यहां साधु-संत भी बैठे हुए हैं इसलिए आपसे कुछ नहीं कह रहे। लेकिन ग्रामीण भी वहां से हटने तैयार नहीं हुए। इससे अब मामला बिगढ़ता नजर आ रहा है।
एसडीएम को सौंपी जांच, लेकिन करेंगे तहसीलदार
साधु-संतों द्वारा जहां ट्रस्ट को फर्जी बताया जा रहा है और दानराशि में भी गड़बड़ी के आरोप लगाए जा रहे हैं। इस पर कलेक्टर ने मामले की जांच मुंगावली एसडीएम को दी है। लेकिन मुंगावली में लंबे समय से कोई एसडीएम ही पदस्थ नहीं है। इससे मामले की जांच मुंगावली तहसीलदार करेंगे। तहसीलदार ट्रस्ट के सचिव हैं और उन्हीें के पास दानराशि का हिसाब रहता है।
हम साधु-संतों को समझाने पहुंचे थे और हटने के लिए भी कहा था, लेकिन वह नहीं हटे। मामले की जांच कलेक्टर साहब ने मुंगावली एसडीएम को सौंपी है। इससे साधुओं द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच शुरू हो चुकी है। वहीं ट्रस्ट का मामला न्यायालय में भी लंबित है, इसलिए निराकरण न्यायालय से होगा।
-नीलेश शर्मा, एसडीएम अशोकनगर
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो