script

संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल से बिगड़ी स्वास्थ्य व्यवस्थाएं

locationअशोकनगरPublished: Mar 04, 2018 04:50:10 pm

एसएनसीयू सहित एनआरसी, टीकाकरण, टीबी आदि कार्यक्रम प्रभावित। सीएम के जन्मदिन पर करेंगे विरोध…

hadtal
अशोकनगर@जावेद खान की रिपोर्ट…

संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल से जिले में स्वास्थ्य सेवाओं पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। रविवार से संविदा स्वास्थ्य कर्मी तीव्र विरोध पर उतर आए हैं। जिसके चलते वे हड़ताल पर चले गए हैं। इसका सबसे अधिक प्रभाव एसएनसीयू पर पड़ा है। यहां तीन की जगह एक समय में एक अप्रशिक्षत नर्स ड्यूटी दे रही है। इसके अलावा टीबी कार्यक्रम, एनआरसी, टीकाकरण सहित अन्य सेवाएं भी प्रभावित होंगी।
उल्लेखनीय है कि अपनी समान कार्य समान वेतन व हटाए गए कर्मचारियों को वापस लेने सहित अन्य मांगों को लेकर प्रदेश में 19 फरवरी से संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल पर हैं। जिले में मुंगावली उप चुनाव की आचार संहिता लागू होने के कारण यहां रविवार से हड़ताल शुरू की गई है। जिले भर के करीब 250 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी एक साथ अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए।
विमानों के चबूतरा के पास उनका धरना प्रदर्शन भी शुरू हो गया। हड़ताल में डाक्टर, नर्सें, लेब टैक्नीशियन, कंप्यूटर ऑपरेटर, एकाउंटेंट आदि शामिल हैं।

एसएनसीयू ठप्प…
एसएनसीयू में सेवाएं देने वाली सभी 11 नर्सें, एक डाक्टर व एक लेब टैक्नीशियन संविदा पर हैं। जिनके हड़ताल पर जाने से एसएनसीयू पूरी तरह से ठप्प हो गया है। वहीं प्रसूती वार्ड भी 3 नर्सों के हड़ताल पर जाने से प्रभावित होगा।
वर्तमान में एसएनसीयू में यहां 18 बच्चे भर्ती हैं। जिनकी देखरेख की जिम्मेदारी एक-एक अप्रशिक्षित नर्स संभाल रही है। अप्रशिक्षित होने के कारण नर्स को भी बच्चों को संभालने में दिक्कत आ रही है और यहां भर्ती होने वाले गंभीर बच्चों की जान पर भी बन आई है।
यहां की प्रशिक्षित नर्सें कई बार बच्चों को मौत के मुंह से बाहर लाई हैं। पिछली बार हड़ताल के कारण यहां कुछ बच्चों की मौत हो गई थी और कईयों को भोपाल रैफर करना पड़ा था।
भोपाल में हड़ताल का 14वां दिन…
वहीं भोपाल सहित आसपास के कई क्षेत्रों में संविदा स्वास्थ्य कर्मी लंबे समय से हड़ताल पर हैं। भोपाल में 14 दिन से हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों के चलते यहां की स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं।
वहीं रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विदिशा के एसएटीआई में पहुंचने वाले हैं। इस जानकारी के सामने आते ही विगत 1 पखवाड़े से प्रदर्शन कर रहे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाएं, संविदा स्वास्थ्य कर्मी और सहकारिता के कर्मचारी सीएम को घेरने की तैयारी कर ली है। उनका रास्ता रोकने के लिए तीनों संगठन एक हो रहे हैं।
जिसके चलते तहसीलदार नायब तहसीलदार सहित प्रशासनिक अधिकारी उन्हें समझाने में लगे हुए हैं और धरना स्थल के सामने बेरीकेट्स लगाकर बड़ी संख्या में टीआई सहित पुलिस बल मौजूद हो गया है।

डॉक्टरों को देनी होगी 24-24 घंटे की ड्यूटी..
अशोकनगर के एसएनसीयू में डॉ. आरके अरोरा, डॉ. एससी दुबे व डॉ. विकास पाराशर तीन डाक्टर हैं। इनमें से डॉ. पाराशर संविदा पर पदस्थ हैं। जो हड़ताल पर चले गए हैं। अब यहां दो डाक्टर ही बचे हैं। उन्हें भी अब 24-24 घंटे की ड्यूटी देनी होगी। एसएनसीयू में डाक्टर को 24 घंटे रहना जरूरी है और अप्रशिक्षित नर्स होने से डाक्टर की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है।
करीला मेले पर भी पड़ेगा असर:
करीला मेले के दौरान भी हड़ताल का असर दिखाई देगा। यहां लगाए गए कर्मचारियों में से 80-90 प्रतिशत कर्मचारी संविदा वाले ही थे। जो हड़ताल पर चले गए हैं। अब विभाग को करीला मेले में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए दोबारा कसरत करनी पड़ेगी। रेग्युलर कर्मचारियों को ड्यूटी पर लगाने से उन पर अतिरिक्त भार पड़ेगा और जिला अस्पताल सहित विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों पर दिक्कत आएगी।
सीएम के जन्म दिन का करेंगे विरोध:
सीएम का जन्म दिन भी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी काले दिवस के रूप में मनाएंगे। संगठन के सुनील रघुवंशी ने बताया कि संगठन द्वारा सोमवार को काला दिवस मनाने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत सभी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी सोमवार को काले कपड़े पहनकर धरना स्थल पर आएंगे।
दो दिन बाद बहु उद्देशीय भी हड़ताल पर…
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के बाद अब बहु उद्देशीय स्वास्थ्य कर्मचारी भी हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहे हैं। उनकी हड़ताल दो दिन बाद 7 मार्च से शुरू होगी।
न्यू बहु उद्देशीय स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष यशवंत रघुवंशी ने बताया कि दो साल पहले वेतन विसंगति दूर करने के लिए तीन माह का समय दिया था। लेकिन अभी तक मांग पर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया। जिसके बाद 5 फरवरी से चरणबद्ध आंदोलन के बाद अब 7 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया गया है।
ये काम होंगे प्रभावित!
– जिले भर के पोषण पुनर्वास केन्द्र।
– कार्यालयीन काम और रिपोर्टिंग।
– टीबी कार्यक्रम।
– हर सप्ताह होने वाला टीकाकरण।
– 8 मार्च से लगने वाले महिला स्वास्थ्य शिविर।
– 11 मार्च को होने वाला पल्स पोलियो अभियान।

ट्रेंडिंग वीडियो