scriptसरपंच और सचिव ले निकले बैंक से पैसे, अब कर रहे है दुरुपयोग | Sarpanch and secretary took money from bank, now they are misusing | Patrika News

सरपंच और सचिव ले निकले बैंक से पैसे, अब कर रहे है दुरुपयोग

locationअशोकनगरPublished: Sep 03, 2019 11:21:25 am

Submitted by:

Arvind jain

पंचायतों में पैसों का खेल: राशि निकाली निर्माण नहीं कराया, 225 पर चल रहे वसूली के प्रकरण। – बकाया राशि जमा न कराने पर जिला सीईओ ने चार पंचायत सचिवों को किया निलंबित, तीन करोड़ वसूली के बाद भी 225 पंचायतों पर पांच करोड़ रुपए से अधिक राशि बकाया।

अशोकनगर। कार्यकाल को चार माह ही शेष बचे तो पंचायतों में अग्रिम राशि आहरण का खेल शुरु हो गया है। बिना निर्माण ही सरपंचों का सचिव-रोजगार सहायकों पर राशि निकालने का दबाव बढ़ गया है। हालत यह है कि दबाव से परेशान कई सचिव और रोजगार सहायक तो अपने वित्तीय प्रभार छोडऩे को भी तैयार हैं। और कई ने तो वित्तीय प्रभार हटाने की अधिकारियों से मांग भी की है। हालांकि जिला सीईओ ने कुछ दिन पहले ही राशि के अग्रिम आहरण पर रोक लगा दी है।

 

जिले की कई पंचायतों में यही आलम
ग्राम पंचायत सिंघाड़ा में रोजगार सहायक पर पंचायत का वित्तीय प्रभार है। रोजगार सहायक नीलमसिंह ने जिला सीईओ को पत्र लिखकर कहा है कि सरपंच बिना कोई कार्य किए राशि आहरण के लिए दबाव बना रहा है, इससे मानसिक तनाव बढ़ रहा है। मांग की है कि उसका वित्तीय प्रभार हटाकर किसी अन्य को सौंप दिया जाए। यह सिर्फ एक जगह की बात नहीं, बल्कि जिले की कई पंचायतों में यही आलम हैं।


दुरुपयोग कर रहे
पंचायत सचिव और रोजगार सहायक अपने वित्तीय प्रभार तक छोडऩे के लिए तैयार हैं। वहीं प्रशासन भी अब राशि के अग्रिम आहरण पर सतर्क नजर आ रहा है। मुंगावली एसडीएम ने जनपद सीईओ को पत्र लिखा है कि 25 ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्यों की राशि निकालकर कोई कार्य नहीं कराया गया है और सरपंच-सचिव राशि अपने पास रखकर दुरुपयोग कर रहे हैं।


एसडीएम ने रिपोर्ट मांगी है कि खजूरिया, घाटबमूरिया, मूडराखाना, बरखेड़ाकाछी, कस्बारेंज, बीड़सरकार, ढि़मचोली, अचलगढ़ और साजनमऊ पंचायत ने किस कार्य के लिए राशि निकाली और संबंधित कार्य कितने प्रतिशत हुआ है।


हकीकत: तीन करोड़ वसूलने के बाद भी पांच करोड़ बकाया-
वर्षों पहले सर्व शिक्षा अभियान, विधायक निधि, मध्यान्ह भोजन, स्वच्छ भारत मिशन सहित शासन की विभिन्न योजनाओं के करोड़ों रुपए निकालने के बाद भी पंचायतों ने काम शुरु ही नहीं कराए और शुरु कराए तो अधूरे छोड़ दिए हैं। इससे अधिकारी पंचायत अधिनियम की धारा 92 के तहत पंचायतों से करीब तीन करोड़ रुपए से अधिक की वसूली कर चुके हैं। लेकिन अभी भी वसूली के 225 प्रकरण लंबित हैं, जिन पर पांच करोड़ चार लाख 64 हजार 513 रुपए बकाया है।


कार्रवाई: बकाया राशि जमा न कराने पर चार सचिव निलंबित-
बकाया राशि जमा न कराने वाले चार पंचायत सचिवों को जिला सीईओ ने सोमवार को निलंबित कर दिया है। जिसमें जारोली बुजुर्ग के पंचायत सचिव मनोज शर्मा, बरखेड़ाकाछी पंचायत सचिव जसवंतसिंह यादव, खजूरिया पंचायत सचिव ओमनारायण शर्मा और आंवरी माफी के सचिव राधेचरण शर्मा का नाम शामिल है।

 

आदेश: अब राशि निकली तो सीईओ जिम्मेदार-
जिला सीईओ ने आदेश जारी किया है कि पंचायत आम निर्वाचन की कार्यवाही शुरु हो गई है, ऑनलाइन सभी पोर्टल पर सभी ग्राम पंचायतों में ज्यादातर कार्य अपूर्ण दिख रहे हैं, जबकि पंचायतों ने राशि पूरी निकाल ली। इसलिए अब अग्रिम राशि न निकाली जाए और अधूरे पड़े कार्यों को एक माह में पूर्ण कराया जाए। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि अब किसी पंचायत ने राशि निकाली तो जनपद सीईओ जिम्मेदार होंगे।

 

वर्तमान में कई सचिवों व रोजगार सहायकों के आवेदन आए हैं, जिनमें उन्होंने राजनैतिक दबाव के चलते वित्तीय प्रभार छोडऩे की मांग की है। सचिव-रोजगार सहायक किसी राजनैतिक दबाव में न आएं और राशि का अग्रिम आहरण न करें। यदि कोई दबाव है तो प्रशासन उनकी मदद के लिए तैयार है।
अजय कटेसरिया, सीईओ जिला पंचायत अशोकनगर

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