मामला जिले के चंदेरी थाना क्षेत्र के पिछोर रोड का है। मुखबिर से जानकारी मिली कि ट्रक क्रं.़ एमपी 06 एचसी 1961 मुंगावली तरफ से जिले में से निकलकर बामौर कला की तरफ जा रहा है, लेकिन तब तक ट्रक चंदेरी से निकल चुका था। इस पर प्रशासन ने चंदेरी से 14 किमी दूर पहुंचकर हसारी में लगे एसएसटी टीम के चैक पोस्ट पर जानकारी दी। जहां पर टीम ने ट्रक को रुकवाकर जांच की तो ट्रक में एक ही कंपनी की महंगी शराब की 550 पेटी भरी हुई थीं। इन्हें जब्त कर लिया गया है। थाना प्रभारी दीपक यादव के मुताबिक ट्रक से 4779 लीटर शराब जब्त हुई है। वहीं ट्रक में दो व्यक्ति बैठे हुए मिले, दोनों राजस्थान के धौलपुर जिले के हैं। पुलिस ने जब दोनों व्यक्तियों से शराब का परिवहन करने का लाइसेंस मांगा तो उनके पास शराब से संबंधित कोई भी दस्तावेज नहीं थे। इस पर पुलिस ने धौलपुर राजस्थान के बरेह मोरी निवासी महेंद्रसिंह पुत्र रामबाबू ठाकुर और धौलपुर जिले के अंडवा पुरेनी पक्कापुरा निवासी अवधेश पुत्र जगदीश ब्राह्मण के खिलाफ आबकारी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है।
ग्वालियर जा रहा था शराब का ट्रक
पुलिस के मुताबिक पहले तो ट्रक में मिले दोनों व्यक्तियों ने इससे इनकार किया, लेकिन बाद में उन्होंने बताया कि वह इस शराब को छिंदवाड़ा से भरकर लाए हैं और शराब को ग्वालियर ले जाया जा रहा था। खास बात यह है कि दोनों ही गिरफ्तार व्यक्तियों द्वारा अब इस शराब को ग्वालियर स्थित सरकारी गोडाउन में ले जाए जाने की बात कही है। लेकिन ट्रक में किसी तरह के दस्तावेज न मिलने से मामला संदिग्ध है। हालांकि पुलिस ने सरकारी गोडाउन में जाने के दस्तावेज मांगे हैं।
पुलिस के मुताबिक पहले तो ट्रक में मिले दोनों व्यक्तियों ने इससे इनकार किया, लेकिन बाद में उन्होंने बताया कि वह इस शराब को छिंदवाड़ा से भरकर लाए हैं और शराब को ग्वालियर ले जाया जा रहा था। खास बात यह है कि दोनों ही गिरफ्तार व्यक्तियों द्वारा अब इस शराब को ग्वालियर स्थित सरकारी गोडाउन में ले जाए जाने की बात कही है। लेकिन ट्रक में किसी तरह के दस्तावेज न मिलने से मामला संदिग्ध है। हालांकि पुलिस ने सरकारी गोडाउन में जाने के दस्तावेज मांगे हैं।
चुनाव के दौरान भारी मात्रा में बांटी जाती है शराब
प्रशासन का मानना है कि ट्रक से यह शराब चुनाव के दौरान मतदाताओं को वितरित करने के लिए ले जाई जा रही थी, क्योंकि चुनावों के दौरान विधानसभा क्षेत्रों में शराब बंटने की चर्चाएं रहती हैं। लेकिन यह किस पार्टी या व्यक्ति द्वारा मंगाई गई थी, इसके बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। इसकी जानकारी जुटाने के लिए दोनों से पुलिस पूछताछ कर रही है।
पहले भी पकड़ी जा चुकी 2.62 लाख की शराब
जिले में आचार संहिता लागू होने के बाद अब तक 35 लाख 23 हजार रुपए की अवैध शराब जब्त की जा चुकी है। इस बड़ी कार्रवाई के पहले 192 जगहों से 2.62 लाख रुपए की 2361 लीटर अवैध शराब पकड़ी गई और इस मामले में 193 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है।
प्रशासन का मानना है कि ट्रक से यह शराब चुनाव के दौरान मतदाताओं को वितरित करने के लिए ले जाई जा रही थी, क्योंकि चुनावों के दौरान विधानसभा क्षेत्रों में शराब बंटने की चर्चाएं रहती हैं। लेकिन यह किस पार्टी या व्यक्ति द्वारा मंगाई गई थी, इसके बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। इसकी जानकारी जुटाने के लिए दोनों से पुलिस पूछताछ कर रही है।
पहले भी पकड़ी जा चुकी 2.62 लाख की शराब
जिले में आचार संहिता लागू होने के बाद अब तक 35 लाख 23 हजार रुपए की अवैध शराब जब्त की जा चुकी है। इस बड़ी कार्रवाई के पहले 192 जगहों से 2.62 लाख रुपए की 2361 लीटर अवैध शराब पकड़ी गई और इस मामले में 193 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है।
संदिग्ध सीमाएं: यूपी के दो सड़क मार्ग, चार जिलों की सीमाएं भी
जिले में जिस जगह पर यह कार्रवाई हुई है, उससे कुछ दूरी पर ही उप्र की अंतर्राज्जीय सीमा है। जहां से अब तक अवैध डीजल पकड़े जाने की कार्रवाई हो चुकी है। वहीं इतनी बड़ी मात्रा में शराब पकड़े जाने से अंतर्राज्जीय और जिलों की सीमाओं पर भी चौकसी बढ़ाने की जरूरत नजर आने लगी हैं। चंदेरी के अलावा मुंगावली क्षेत्र के जंगली क्षेत्र होते हुए नईगढ़ी गांव में बेतवा नदी पर पुल बनने से उप्र के राजघाट जाने का रास्ता है। वहीं कंजिया पुल से ही सागर जिले की सीमा शुरू हो जाती है। वहीं विदिशा, गुना और शिवपुरी जिले की सीमाएं भी इस तरह की प्रतिबंधित सामग्री के परिवहन के लिए संदिग्ध रास्ते हैं। इसके अलावा उप्र से जहां बेतवा नदी को नाव से पार करके भी जिले की सीमा में लोगों की आवाजाही जारी रहती है।
जिले में जिस जगह पर यह कार्रवाई हुई है, उससे कुछ दूरी पर ही उप्र की अंतर्राज्जीय सीमा है। जहां से अब तक अवैध डीजल पकड़े जाने की कार्रवाई हो चुकी है। वहीं इतनी बड़ी मात्रा में शराब पकड़े जाने से अंतर्राज्जीय और जिलों की सीमाओं पर भी चौकसी बढ़ाने की जरूरत नजर आने लगी हैं। चंदेरी के अलावा मुंगावली क्षेत्र के जंगली क्षेत्र होते हुए नईगढ़ी गांव में बेतवा नदी पर पुल बनने से उप्र के राजघाट जाने का रास्ता है। वहीं कंजिया पुल से ही सागर जिले की सीमा शुरू हो जाती है। वहीं विदिशा, गुना और शिवपुरी जिले की सीमाएं भी इस तरह की प्रतिबंधित सामग्री के परिवहन के लिए संदिग्ध रास्ते हैं। इसके अलावा उप्र से जहां बेतवा नदी को नाव से पार करके भी जिले की सीमा में लोगों की आवाजाही जारी रहती है।