सुपरवाइजर की प्रताड़ना से तंग महिला कार्यकर्ता ने की खुदकुशी की कोशिश, देखें LIVE वीडियो
एक दिन पहले स्टेटस डाला- मन बहुत उदास है मेरे अधिकारी मुझे बहुत परेशान कर रहे हैं, इसलिए मैं आत्महत्या करने जा रही हूं..

अशोकनगर. आंगनबाड़ी सुपर वाइजर द्वारा अपने सेक्टर में संचालित आंगनबाड़ियों से की जाने वाली वसूली की जानकारी गलती से व्हाटसएप पर एक ग्रुप में पोस्ट हो जाना कदवाया की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को भारी पड़ गया। कार्यकर्ता द्वारा लेन देन की पोस्ट गलती से व्हाट्सएप ग्रपु पर सेन्ड हो जाने पर सुपर वाइजर ने उसे इस कदर प्रताड़ित किया कि कार्यकर्ता ने अपनी खुदकुशी करने का मन बना लिया। शनिवार को महिला कार्यकर्ता ने आंगनबाड़ी में ही फंदा लगाया और फांसी लगाने की कोशिश की। गनीमत रही कि कार्यकर्ता घटना को अंजाम दे पाती इससे पहले ही दूसरे गांव से साथी कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गईं और उसकी जिंदगी बचा ली।
देखें सुसाइड की कोशिश का LIVE वीडियो-
स्टेट्स पर डाली फंदे के साथ तस्वीर
महिला कार्यकर्ता ने खुदकुशी की कोशिश करने से ठीक पहले उसने फांसी के फंदे के साथ एक तस्वीर भी अपने सोशल मीडिया स्टेट्स पर डाली थी। जिससे पास के ही दूसरे गांव की महिला कार्यकर्ताओं को उसके इस कदम के बारे में जानकारी लगी और वो तुरंत मौके पर पहुंची और महिला कार्यकर्ता की जिंदगी बचा ली।

एक दिन पहले स्टेट्स में लिखा- 'इससे अच्छा मैं मर जाऊं'
एक दिन पहले शुक्रवार को भी महिला कार्यकर्ता ने अधिकारियों से प्रताड़ित करने का स्टेट्स डाला था। शुक्रवार रात लगभग 9.43 बजे अपने व्हाटएप पर डाले गए स्टेटस में उसने लिखा कि, पता नहीं मन बहुत उदास है। मेरे अधिकारी मुझे बहुत परेशान कर रहे हैं। इसलिए मैं आत्महत्या करने जा रही हूं वो मुझे दबाकर रखना चाहते हैं मुझे धमकी दे रहे हैं मैं इस तरह और नहीं जी सकती अच्छा है कि मैं मर जाऊं। इसके बाद उसने शनिवार को आंगनबाड़ी में ही खुदकुशी करने की कोशिश की।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ लेन देन का हिसाब
पीड़िता ने बताया कि वो कदवाया गांव की आदिवासी बस्ती में संचालित होने वाली आंगनबाड़ी में कार्यकर्ता है। उसने सुपरवाइजर रजनी वालू पर आरोप लगाते हुए बताया कि रजनी वालू सभी आंगनबाड़ियों की कार्यकर्ताओं से 200 रुपए महीने लेती है जिसका हिसाब बाकायदा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं द्वारा संचालित एक व्हाटसएप ग्रुप पर भी रखा जाता है। बताया जाता है कि बीते दिनों कुछ आंगनबाड़ियों से कम पैसे व कुछ से सुपर वाइजर को कथित मासिक किस्त का भुगतान नहीं हुआ था। इस पर सुपर वाइजर रजनी वालू द्वारा लिस्ट डालकर आंगनबाड़ी कार्यकताओं से रुपए की मांग की गई। कदवाया आंगनबाड़ी कार्यकर्ता जो कि पीड़िता है उसकी मानें तो यह पोस्ट गलती से उससे विभागीय ग्रुप पर फारवर्ड हो गई। इसके बाद आंगनबाड़ी सुपर वाइजर ने उसे प्रताडि़त करना शुरू कर दिया। पहले तो उसे विभागीय ग्रुप से रिमूव किया और इसके बाद नोटिस भी थमा दिया। यही नहीं सुपर वाइजर ने उसे अन्य कई मौकों पर मानसिक प्रताड़ना देने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी।

आरोपों से सुपरवाइजर का इंकार
वहीं जब इस पूरे मामले पर सुपरवाइजर रजनी वालू से बात की गई तो उन्होंने आरोपों से इंकार करते हुए कहा कि 'मैं एसटीएससी वर्ग से आती हूं। इसलिए कुछ कार्यकर्ता मुझे पसंद नहीं करतीं। जहां तक सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट का सवाल है तो वह आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा मुझे बदनाम करने की साजिश लगती है। मैं किसी भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से पैसे नहीं लेती। मैं भी हरिजन एक्ट के तहत मामला दर्ज कराउंगी।'
अधिकारियों ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
जिला कार्यक्रम अधिकारी जयंत वर्मा का इस पूरे मामले पर कहना है कि यदि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रताड़ना का शिकार हो रही थी, तो उसे अपने वरिष्ठ अधिकारियों को इस संबंध में सूचित करना था। मामले की जानकारी मुझे अब मिली है पूरी जानकारी लेकर कार्रवाई की जाएगी।
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