दरअसल, गुना संसदीय क्षेत्र से बीजेपी के उम्मीदवार केपी यादव के लिए स्मृति अशोकनगर में चुनावी सभा को संबोधित करने आईं थी। इस दौरान वह कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों पर निशाना साधीं। लेकिन उस वक्त उनके अजीब स्थिति उत्पन्न हो गई, जब उऩ्होंने मंच से कहा कि कांग्रेस बोली थी कि हर किसान का कर्जा दस दिन में माफ हो जाएगी। स्मृति ने लोगों से पूछा कि माफ हुआ। भीड़ से जवाब आई कि हां।
भीड़ से लगातार आवाज आ रही थी कि हां हुआ, हुआ, हुआ…इतना सुन स्मृति ईरानी शॉक्ड रह गईं। तभी मंच पर मौजूद एक नेता उनसे आकर कुछ कहता है। उसके बाद स्मृति ईरानी थोड़ी देर के लिए रुक जाती हैं। तभी फिर बीजेपी के कार्यकर्ता मोदी-मोदी के नारे लगाने लगते हैं। ताकि हां बोल रहे लोगों की आवाज दब जाए।
उसके बाद स्मृति ने कहा कि आपलोगों को बेरोजगारी भत्ता मिला। तब भीड़ से आवाज आई कि नहीं। उसके बाद वह राहुल गांधी पर हमला करने लगीं। उन्होंने कहा कि यह चुनाव कोई साधारण चुनाव नहीं है, यह चुनाव उस राहुल गांधी के खिलाफ का चुनाव है जिसने इतनी हिम्मत की कि भारत के टुकड़े होने की बात कही। यह चुनाव उस गठबंधन के खिलाफ है, जिसके प्रतिनिधि ने उप्र में कहा कि 50 करोड़ दे दो, मैं मोदी को मौत के घाट उतार दूंगा।
स्मृति ईरानी ने कहा कि यह चुनाव उस कांग्रेस के नेतृत्व के खिलाफ है, जिसने यासीन मलिक को महिमा मंडित किया। वह यासीन मलिक जिसने कश्मीर को भारत से अलग करने की बात कही, कश्मीरी पंडितों का निर्दोष खून बहाया और वायुसेना के अफसरों को मौत के घाट उतारा। यह चुनाव उस परिवार के खिलाफ का चुनाव है, जो अयोध्या तक गए, लेकिन रामलला के सामने शीश न झुकाया, क्योंकि तुष्टिकरण उनको याद आया। ये चुनाव उन लोगों के खिलाफ चुनाव है जो बंगाल में जय श्रीराम का नारा सुनते ही हिंतुस्तानियों को जेल भेजते हैं।