सख्ती से पूछताछ की गई
एसपी पंकज कुमावत ने बताया कि विवेचना के दौरान फरियादी पक्ष के बयानों में सायबर साक्ष्य एवं तकनीकी अधारों पर विश्लेषण के विरोधाभास पाया गया। जिसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में लगातार काम करने पर पता चला कि 5 सितंबर 2019 को घटना के समय आरोपी का भांजा हरीबाबू व उसका दोस्त कल्ला अहिरवार निवासी पिपरई उसके घर पर ही रुके थे। दोनों को तलब पर सख्ती से पूछताछ की गई।
मां की हत्या करना कुबूल कर लिया
उन्होंने बताया कि आरोपी ने पहले उनसे अपनी मां को मारने के लिए कहा था, लेकिन दोनों ने मना कर दिया। जिसके बाद वह बोला कि अब यह काम मुझे ही करना होगा और चला गया। रात में करीब 2 बजे कट्टा चलने की आवाज आई। उन्होंने कमरे से बाहर आकर देखा तो आरोपी व उसकी पत्नी वहां खड़े थे। उन्होंने कहा किसी ने मां को गोली मार दी। पुलिस ने इसके बाद कंछेदी को हिरासत में लेकर पूछताछ की और भांजे हरिबाबू से सामना करवाया तो उसने अपनी मां की हत्या करना कुबूल कर लिया।
10 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था
एसपी के मार्गदर्शन एवं एएसपी सुनील कुमार शिवहरे के निर्देशन में एसडीओपी मुंगावली यशपाल सिंह ठाकुर, थाना प्रभारी सेहराई भरत किरार, थाना प्रभारी मुंगावली रोहित दुबे, एएसआई संजय गुप्ता, आरक्षक दीपक सिंह, प्रशांत भदौरिया, सायबर क्राईम सेलए आर अतेन्द्र याद, प्रआर उदयभान सिंह, आमोद तिवारी, आर विपिन राजपूत, दीपेन्द्र तोमर, दीपक यादव, अछल गुर्जर, सौरभ पाराशर, निहाल सिंह की भूमिका रही। इसमें एसपी ने 10 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था। आईजी ग्वालियर रेंज ने भी उचित इनाम राशि घोषित की है।
इसलिए की थी हत्या
कंछेदी का जमीनी विवाद मोहन यादव से चल रहा है और उस प्लाट की रजिस्ट्री होनी थी। उसने यह प्लाट धन्नालाल वाल्मीक से खरीदा था। वह मां की हत्या का आरोप मोहन यादव व उसके सहयोग करने वाले विक्की मार्कन आदि पर डालकर राजीनामा में प्लाट अपने नाम करवाना चाहता था। लेकिन उसकी योजना कामयाब नहीं हो सकी। हत्या में प्रयुक्त कट्टा भी उसके खेत में बोर के गड्ढे से बरामद कर लिया गया है। हालांकि इससे पहले आरोपी का कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं रहा।
करवाई थी झूठी एफआईआर
कंछेदी ने फरियादी बनकर झूठी एफआईआर भी करवाई थी। इसमें पदम जैन, राजू जैन, मोहन यादव, शिशुपाल यादव, विक्की मार्कन व मोहन यादव का बेटा शामिल थे। लेकिन अब पुलिस ने इनके नाम एफआईआर से हटा दिए हैं। एसपी ने बताया कि झूठी एफआईआर करवाने और पुलिस पर दवाब बनाने के लिए धरना प्रदर्शन करने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में अलग से प्रकरण दर्ज है। उस समय फरियादी व आरोपी दोनों पक्षों की ओर से धरना- प्रदर्शन व जाम किया गया था।
आरोपी के बताए अनुसार एवं उसके भांजे हरीबाबू के बयान के आधार पर कंछेदी की पत्नी गुडडी बाई को भी आरोपी बनाया गया। आरोपी ने मोहन यादव व अन्य लोगों से जमीनी रंजिश के चलते अपनी मां की गोली मारकर हत्या की थी और जमीनी राजीनामा करने के उद्देश्य से एफआईआर कराई थी। इसमें हरिबाबू व कल्ला के 164 के बयान हुए हैं और वे सरकारी गवाह बनेंगे। इसके चिंहित प्रकरण में लेकर जल्द ट्रायल का प्रयास किया जएगा। बड़ी कामयाबी ये है कि 5 निर्दोष आरोपी बच जाएंगे।
पंकज कुमावत, एसपी अशोकनगर