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नागदा ट्रेन पर पथराव, इंजन का कांच टूटा तो ड्राईवर ने रोक दी ट्रेन

locationअशोकनगरPublished: May 16, 2019 01:28:20 pm

Submitted by:

Arvind jain

नागदा ट्रेन पर पथराव, इंजन का कांच टूटा तो ड्राईवर ने रोक दी ट्रेन

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नागदा ट्रेन पर पथराव, इंजन का कांच टूटा तो ड्राईवर ने रोक दी ट्रेन

अशोकनगर. रात के समय नागदा ट्रेन पर पथराव का मामला सामने आया है। पत्थर लगने से इंजन का कांच टूट गया, इससे ड्राईवर ने ट्र्रेन को वहीं पर रोक दिया। बाद में मौके पर आरपीएफ पहुंची तो वहां पर कोई नहीं मिला और करीब 20 मिनिट तक ट्रेन रुकी रही। हालांकि दूसरे दिन आरपीएफ ने आसपास के रहवासियों को बुलाकर समझाईश दी।


घटना रात के समय नागदा-बीना पैसेंजर ट्रेन की है। रात में अशोकनगर से ट्रेन रवाना हुई और ओवरब्रिज के नीचे पहुंची, तभी अचानक इंजन के कांच में पत्थर लगा और इससे खिड़की का कांच टूट गया। इससे ड्राईवर ने वहीं पर ट्रेन को रोक दिया। जानकारी मिलते ही आरपीएफ मौके पर पहुंची।

 

आरपीएफ थाना प्रभारी आरके चंदेल का कहना है कि वहां पर जाकर देखा तो कोई भी नहीं, इससे लगता है कि किसी बच्चे ने कोई पत्थर फैंक दिया और कांच फूट गया। बाद में करीब 20 मिनिट बाद ट्रेन रवाना हुई। आरपीएफ थाना प्रभारी का कहना है कि बुधवार को दोपहर के समय ओवरब्रिज के आसपास रहने वाले लोगों को बुलाकर समझाईश दी गई है और यह भी कहा गया है कि रेलवे ट्रेक के आसपास बच्चों का न आने दें।

 

यंहा

नाट्य कार्यशाला से बच्चों को कराएंगे नाटक, संगीत और नृत्य का अभ्यास
अशोकनगर. शहर में भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) ने बच्चों के लिए 15वी बाल एवं किशोर नाट्य कार्यशाला शुरू की है। 20 दिन तक चलने वाली इस नाट्य कार्यशाला के माध्यम से 12 से 18 आयु वर्ग तक के बच्चों और किशोरों को नाटक, संगीत, नृत्य, थियेटर गेम्स, चित्रकला, क्राफ्ट आदि का अभ्यास कराया जाएगा।


नाट्य कार्यशाला का उद्घाटन संगीत के शिक्षक और तबला वादक रतनलाल पटेल ने किया और अध्यक्षता चित्रकार पंकज दीक्षित ने की। इस दौरान कलाकारों ने नाट्य संगीत और लोक संगीत पर आधारित रंग-संगीत की प्रस्तुति दी। जिसकी शुरुआत अशोकनगर में जन्मे कवि गिरिजाकुमार माथुर के 1953 में लिखे गए चर्चित गीत छाया मत छून मन, दुख होगा दूना मन गीत की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम का संचालन कवि अभिषेक अंशु ने किया।


पूर्व प्रस्तुतियों की प्रदर्शनी भी लगाई-
पूर्व में हुई नाट्य कार्यशालाओं की प्रस्तुतियों पर आधारित फोटो प्रदर्शनी भी लगाई गई है। जिसमें इप्टा अशोकनगर की रंग यात्रा के फोटो के साथ प्रदर्शित किया गया है। ताकि लोगों और कार्यशाला में शामिल होने वाले बच्चों को उनके बारे में जानकारी दी जा सके। इप्टा अशोकनगर की स्थापना 1989 में हुई थी और इस इकाई ने 1999 में बच्चों के थियेटर पर काम शुरू किया था।

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