शिक्षकों का कहना है कि जिले के करीब 400 से 500 शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी से मुक्त रखा गया था, लेकिन 10 मई को अचानक शिक्षकों को फोन आया और 11 मई को उन्हें बुलाकर स्पेशल पुलिस अधिकारी बनाकर मतदान केंद्रों पर भेज दिया गया। लेकिन ड्यूटी से भेजने से पहले उन्हें ईडीसी भी जारी नहीं हुए। इससे वह न तो ड्यूटी वाले मतदान केंद्र पर मतदान कर सके और न हीं मतदान करने के लिए वह खुद के क्षेत्र के मतदान पर पहुंच सके। इससे यह स्पेशल पुलिस अधिकारी बने शिक्षक मतदान नहीं कर सके। इससे शिक्षकों में नाराजगी है।
ईडीसी जारी होता तो ड्यूटी पर डाल सकते थे वोट-
शिक्षकों का कहना है कि जिन कर्मचारियों की ड्यूटी लोकसभा क्षेत्र से बाहर की लोकसभा में लगती है उन्हें डाक मत पत्र जारी होते हैं और जिन कर्मचारियों की ड्यूटी लोकसभा क्षेत्र के ही ऐसे मतदान केंद्रों पर लगती है जहां उनका वोट नहीं है तो उन कर्मचारियों ईडीसी (इलेक्शन ड्यूटी सर्टिफिकेट) जारी होते हैं।
ईडीसी जारी होने से शिक्षक अपनी ड्यूटी वाले मतदान केंद्र पर मतदान कर सकता है। लेकिन उनकी ड्यूटी तो लगा दी गई और ईडीसी जारी नहीं की। इससे इस बार इतनी बड़ी संख्या में शिक्षक मतदान से वंचित रह गए। जिले के 765 मतदान केंद्रों पर इस बार 765 कर्मचारियों को स्पेशल पुलिस अधिकारी बनाकर ड्यूटी लगाई गई थी, जिनमें शिक्षकों के अलावा अन्य विभागों के कर्मचारी भी थे।
जिले के 765 मतदान केंद्रों पर 765 कर्मचारियों को स्पेशल पुलिस अधिकारी बनाकर ड्यूटी लगाई गई थी। हमें यह सूची जिला पंचायत से आई थी और उसी के आधार पर हमने ड्यूटी लगाकर भेजा था।
सुनील शिवहरे, एएसपी अशोकनगर
हमने पांच तारीख को ही कर्मचारियों की सूची भेज दी थी, उन्होंने सुरक्षा के हिसाब से इन कर्मचारियों को ड्यूटी पर कब भेजा। करीब 765 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई थी, जिनमें शिक्षकों की संख्या कम थी।
डॉ.मंजू शर्मा, कलेक्टर अशोकनगर
निर्वाचन में ड्यूटी लगने वाले शिक्षकों को 9 मई तक ईडीसी जारी होना थे। कई शिक्षकों को पहले तो चुनाव ड्यूटी से मुक्त रखा, लेकिन 10 तारीख को फोन लगाकर बुलाया और 11 तारीख को स्पेशल पुलिस अधिकारी बनाकर ड्यूटी पर भेज दिया। ईडीसी जारी न होने से 400 से 500 शिक्षक मतदान करने से वंचित रह गए। इस मामले की शिकायत हम कलेक्टर से करेंगे।
संतोष शर्मा, प्रदेश सचिव राज्य कर्मचारी संघ