अशोकनगर

बर्बाद हुईं फसलें: ज्यादा बारिश से 8 0 फीसदी उड़द बर्बाद, सोयाबीन में भी 30 फीसदी नुकसान , आज से होगा नुकसान का सर्वे

बर्बाद हुईं फसलें: ज्यादा बारिश से 8 0 फीसदी उड़द बर्बाद, सोयाबीन में भी 30 फीसदी नुकसान। – पहले ज्यादा नुकसान वाले गांवों में और फिर जिले के सभी गांवों में शुरु होगा नुकसान का सर्वे।

अशोकनगरSep 19, 2019 / 11:22 am

Arvind jain

खेतों में खड़ी फसल की फलियों में होने लगा अंकुरण, आज से होगा नुकसान का सर्वे

अशोकनगर। ज्यादा बारिश ने फसलों के साथ जिले के किसानों की उमीदों को भी बर्बाद कर दिया। उड़द की 8 0 फीसदी फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है और सोयाबीन की 35 फीसदी फसल खराब हो चुकी है। हालत यह है कि खेतों में खड़ी सोयाबीन की फसल की फलियों के दाने अंकुरित होने लगे हैं, इससे अब अंकुरित हो चुकी फलियों के दाने पूरी तरह से खराब हो चुके हैं। इससे जिले के किसानों को करीब 300 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है।


अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए
प्रशासन ने जहां पहले बड़ी नदियों के किनारे स्थित गांवों में नुकसान का सर्वे कराया था, लेकिन अब जिले के सभी गांवों का सर्वे आज से शुरु होगा। इसके लिए टीएल बैठक में कलेक्टर डॉ.मंजू शर्मा ने सभी अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं।


नुकसान का सर्वे कराया जाएगा
कलेक्टर के निर्देश के बाद एसडीएम सुरेश जाधव ने राजस्व, कृषि और पंचायत विभाग की संयुक्त बैठक ली। साथ ही तीनों विभागों की संयुक्त टीम बनाई हैं और क्षेत्र के सभी गांवों में नुकसान का सर्वे करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि पहले ज्यादा नुकसान वाले शाढ़ौरा तहसील के 12 और अशोकनगर के 27 गांवों में नुकसान का सर्वे कराया जाएगा।

 

किसानों को 300 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान-
जिले में इस बार 1.10 लाख हेक्टेयर में उड़द और 1.6 5 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की फसल है। जिलेभर में 8 0 फीसदी से अधिक रकबे में उड़द की फसल लगातार लंबे समय तक पानी भरा रहने से पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है और किसानों का कहना है कि अब उड़द में 10 किलो प्रति बीघा उत्पादन की भी उम्मीद नहीं है।

 

टूटकर गिरने ही लगी थीं
वहीं सोयाबीन की फसल भी गलकर खराब हो रही है, जहां फलियां तो अपने आप टूटकर गिरने ही लगी थीं। वहीं अब पौधों में लगी हुई सोयाबीन की फलियों के अंदर से दाने अंकुरित होने लगे हैं। किसानों का कहना है कि फसलों को बचाने के लिए तरह-तरह के प्रयास किए, लेकिन फिर भी फसलों को नहीं बचा सके। एक अनुमान के मुताबिक फसलें बर्बाद होने से जिले में किसानों को करीब 300 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है।

83 गांवों की फसलें पूरी तरह से बर्बाद-
अधिकारियों के मुताबिक शुरुआत में मुंगावली तहसील में बेतवा, कैंथन सहित अन्य बड़ी नदियों के किनारे स्थित 75 गांवों का प्रारंभिक सर्वे किया गया था और पिपरई तहसील के आठ गांव का सर्वे किया गया था। नदियों और तालाबों में डूब जाने से इन सभी 83 गांवों की फसलें 100 प्रतिशत बर्बाद हो चुकी हैं। वहीं जिले के शेष गांवों में भी फसलों में हुए नुकसान के यही हालात हैं।

 

विधायक ने राजस्व मंत्री को लिखा नुकसान का दें मुआवजा-
बर्बाद हुई फसलों के मुआवजा के लिए चंदेरी विधायक गोपाल सिंह चौहान ने राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत से मुआवजे की मांग की है। उन्होंने जिले के दौरे पर आए राजस्व मंत्री को फसल में हुए नुकसान के मुआवजा के लिए मांग पत्र सौंपा। इस दौरान उन्होंने पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भोपाल पहुंचकर मु यमंत्री कमलनाथ से भी मुलाकात की और चंदेरी विधानसभा में अतिवृष्टि और बाढ़ से हुए नुकसान के बारे में बताया।

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