script

त्रिकाल चौबीसी: वृषभ रथ में विराजमान कर श्रीजी को कराया नगर भ्रमण – महामस्तिकाभिषेक के बाद शहर में निकाली वृषभ रथयात्रा

locationअशोकनगरPublished: Dec 03, 2019 12:02:07 pm

– त्रिकाल चौबीसी की 27वी वर्षगांठ…- दिनभर रही समारोह की धूम, धार्मिक कार्यक्रम के साथ सांस्कृतिक आयोजन भी हुए।

वृषभ रथ में विराजमान कर श्रीजी को कराया नगर भ्रमण - महामस्तिकाभिषेक के बाद शहर में निकाली वृषभ रथयात्रा

वृषभ रथ में विराजमान कर श्रीजी को कराया नगर भ्रमण – महामस्तिकाभिषेक के बाद शहर में निकाली वृषभ रथयात्रा

अशोकनगर@अरविंद जैन की रिपोर्ट…

शांतिनाथ त्रिकाल चौबीसी जैन मंदिर की 27वी वर्षगांठ पर भगवान शांतिनाथ, कुन्थनाथ और अरहनाथ स्वामी का वृहद मंत्रोच्चार के साथ महामस्तिकाभिषेक किया गया। साथ ही शहर में भव्य वृषभ रथयात्रा निकाली गई। रथयात्रा में हजारों की संख्या में समाज के महिला-पुरुष शामिल हुए।
शहर के शांतिनाथ त्रिकाल चौबीसी मंदिर की स्थापना मुनि पुंगव सुधासागरजी महाराज के सानिध्य में सन् 1992 में गजरथ महोत्सव के साथ हुई थी, सोमवार को मंदिर स्थापना के 2७ वर्ष पूर्ण होने से समाज ने महामस्तिकाभिषेक व रथयात्रा का आयोजन किया गया।
इसके लिए सोमवार को मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटना शुरू हो गई। जहां भगवान की 11 फिट ऊंची उतंग प्रतिमाओं का वृहद मंत्रोच्चार के साथ महामस्तिकाभिषेक किया गया।

रथयात्रा के स्वागत के लिए सजाईं रंगोली
भगवान की वृषभ रथयात्रा निकाली गई। जो शांतिनगर से प्रारंभ होकर बजरिया मोहल्ला, इंदिरा पार्क, सुभाषगंज, गांधी पार्क, पुराना बाजार, प्रोसेसन रोड होते हुए वापिस त्रिकाल चौबीसी मंदिर पहुंचे जहां धार्मिक आयोजन किये गए। रथयात्रा का लोगों ने घरों के आगे रंगोली सजाकर स्वागत किया तथा घरों के दरवाजों पर रथ के पहुंचते ही लोगों ने आरती उतारी और श्रीफल भेंट किए।
रथ में श्रीजी को लेकर बैठने का सौभाग्य विजय कुमार धतुरिया को मिला। वहीं सार्थी रामजीलाल काकता प्रसाद बने और चंवर ढुलाने का सौभाग्य विमलकुमार धतुरिया व सलोनी किराना को मिला। रथयात्रा में समाज के उपाध्यक्ष महेन्द्र कड़ेसरा, नरेश बारी, राहुल जैन एडवोकेट, जिनेश खैरा, अजीत गुरहा, मनीष एमपीटीसी, विजय धुर्रा, विपिन सिंघई, धनकुमार बल्ला, अशोक टिंगू सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।
दिव्यघोष रहा आकर्षण का केंद्र-
रथयात्रा के दौरान बच्चों द्वारा बजाया जा रहा दिव्यघोष आकर्षण का केंद्र रहा, साथ ही बच्चे नाचते गाते आकर्षक नजर आ रहे थे। उनके साथ ही युवा बैंड की धुनों पर थिरकते चल रहे थे और महिलाएं भजन गाते हुए चल रही थीं। रथ यात्रा वापस मंदिर पहुंचकर धर्मसभा में बदल गई।
जहां अन्य धार्मिक धार्मिक हुए, साथ ही ज्ञानमाल और फूल माल का भी आयोजन हुआ। शाम के समय महाआरती हुई और सांस्कृतिक कार्यक्रम पाठशाला के बच्चों द्वारा प्रस्तुत किया गया।

ट्रेंडिंग वीडियो