अपने छात्रावास के बच्चों के सामने मारपीट से शिक्षक इतना आहत हुआ कि वह घटना को तख्ती पर लिखकर लगातार चार साल से जिले में तख्ती लेकर चल रहा है।
शिक्षक परमालसिंह रघुवंशी का कहना है कि पुलिस ने मारपीट करने वालों पर तो प्रकरण दर्ज कर लिया, लेकिन मारपीट कराने वालों पर न तो पुलिस ने कार्रवाई की और न हीं विभाग ने। शिक्षक का कहना है कि अब वह नौकरी छोड़कर सांसद के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ेगा।
जंतर-मंतर और वल्लभ भवन पर धरना भी दिया-
सहायक शिक्षक परमालसिं रघुवंशी का कहना है कि वह जिले सहित प्रदेश के सभी बड़े अधिकारियों को चार साल में सैंकडों आवेदन दे चुका है। वहीं राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, प्रदेश के मंत्रियों और सांसद से भी वह शिकायत कर चुका है। इसके अलावा छह दिन दिल्ली में जंतर-मंतर पर और भोपाल में वल्लभ भवन पर धरना देकर वह अपनी समस्या बता चुका है, लेकिन किसी ने भी उसकी समस्या नहीं सुनी और उसे न्याय नहीं मिल सका।
यंहा , कॉलेज के सात कमरों का निर्वाचन के लिए अधिगृहण,
यूनिवर्सिटी की परीक्षा में छात्रों को जगह की कमी बड़ी समस्या बन गई है। शुक्रवार को शहर के शासकीय नेहरू स्नातकोत्तर महाविद्यालय में 1032 छात्रों की परीक्षा थी, जिसमें से 1012 छात्र परीक्षा में शामिल हुए। लेकिन कॉलेज के सात कमरों का लंबे समय से निर्वाचन के लिए अधिग्रहीत है, जिनमें विधानसभा चुनाव के पहले से निर्वाचन का कब्जा है।
जगह की कमी होने की वजह से 1012 में से 400 छात्रों को बैठने के लिए जगह नहीं बची। इससे शुक्रवार को कॉलेज प्रबंधन ने कक्षों के बाहर बरामदों में कुर्सी-टेबिल लगाकर कॉलज की परीक्षा कराई। सबसे बड़ी समस्या आधार पाठ्यक्रम विषय की परीक्षा के दौरान आएगी। जिसमें दो हजार से अधिक छात्र एक साथ परीक्षा देंगे और कॉलेज में परीक्षा के लिए इन छात्रों को बैठने के लिए जगह भी नहीं बचेगी।