जिले के उत्कृष्ट और मॉडल स्कूलों में परीक्षा के माध्यम से शिक्षकों को पदस्थ किया गया था। इससे पूर्व से पदस्थ शिक्षक अतिरिक्त की सूची में दर्ज हो गए थे, जिन्हें अन्य स्कूलों की खाली जगहों पर पदस्थ किया जाना था। विभाग ने भी आदेश दिया था कि उत्कृष्ट और मॉडल स्कूलों में पदस्थ जो शिक्षक परीक्षा में शामिल नहीं हुए या फिर परीक्षा में पास नहीं हुए, उन्हें अन्य स्कूलों में खाली पदों पर पदस्थ किया जाए। इससे विभाग को जिले के 61 शिक्षकों की काउंसलिंग के माध्यम से पदस्थापना करना थी। पहले तो विभाग ने तीन महीने तक इस पर ध्यान नहीं दिया और शिक्षक विहीन स्कूलों में छात्र शिक्षकों की व्यवस्था होने का इंतजार करते रहे। लेकिन जब मामला उठने लगा तो तीन महीने बाद उन्होंने दो बार काउंसलिंग आयोजित की और दोनों ही बार काउंसलिंग निरस्त कर दी। खास बात यह है कि इन दोनों ही काउंसलिंग में 61 शिक्षकों को बुलाया गया था।
लेकिन गुरुवार को तीसरी बार काउंसलिंग कर मात्र 25 शिक्षकों को ही बुलाया गया। जिसमें अशोकनगर शहर के 16 और शेष जिले के नौं शिक्षकों को शामिल किया और उनकी पदस्थापना कर दी। जबकि इनमें से 36 शिक्षकों को पहले ही मनमाने तरीके से उन्हीं स्कूलों में रख लिया गया, जिन स्कूलों में इन शिक्षकों को अतिरिक्त बताया जा रहा था। इससे कई शिक्षकों को मनचाहे स्कूल नहीं मिले और उन्होंने नाराजगी जताई। शिक्षकों का कहना है कि जिन शिक्षकों को खाली पदों पर नहीं रखा गया, वह मामले की शिकायत अब कलेक्टर से करने की बात कह रहे हैं।
पहले भी लगाए थे मनमानी के आरोप पूर्व में दो बार आयोजित काउंसलिंग में भी शिक्षकों ने विभाग पर मनमानी के आरोप लगाए थे और कहा था कि शिक्षा विभाग के अधिकारी खास शिक्षकों को लाभ पहुंचाने रिक्त पद नहीं बता रहे हैं। शिक्षकों की नाराजगी की वजह से ही डीईओ ने दोनों बार काउंसलिंग निरस्त कर दी थी। साथ ही रिक्त पदों की सूची तैयार करने के बाद काउंसलिंग आयोजित करने की बात कही। लेकिन तीसरी बार हुई काउंसलिंग में शासन के नियमों को दरकिनार करते हुए मनमाने तरीके से पद खत्म कर दिए गए तो कहीं पर पद बढ़ा दिए गए। जबकि पूर्व से पोर्टल पर दर्ज खाली पद अलग हैं। इस पर शिक्षकों ने अधिकारियों पर चहेते शिक्षकों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया है।
यह बोले जिम्मेदार हमने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की थी, जिन विषयों के शिक्षक स्कूल में आ गए तो पूर्व से पदस्थ उन विषयों के शिक्षकों को अतिरिक्त माना गया। इससे 6 1 में से मात्र 25 शिक्षक ही ऐसे मिले, जिनकी पदस्थापना कर दी। एक-दो शिक्षकों ने आरोप लगाए होंगे, मैंने नियमानुसार ही काउंसलिंग की है।
आदित्यनारायण मिश्रा, डीईओ अशोकनगर