शुक्रवार को दसवी कक्षा की सामाजिक विज्ञान की परीक्षा थी। परीक्षा कक्ष की खिड़कियां गली में खुलती हैं, इससे किसी भी तरह की नकल की आशंका को देखते हुए कक्ष की खिड़कियां तो बंद कर दी गईं। वहीं परीक्षा कक्ष में उजाले की कोई व्यवस्था नहीं की गई। खिड़कियां बंद हो जाने से परीक्षा कक्ष में अंधेरा छा गया, हालांकि दूसरे तरफ की खिड़कियां खोलकर कमरे में उजाला करने का तो प्रयास किया, लेकिन सभी छात्रों तक उजाला नहीं हो सका। नतीजतन छात्रों को अंधेरे में बैठकर प्रश्नपत्र हल करना पड़ा। इससे छात्रों ने नाराजगी जताई और कहा कि उजाला न होने की वजह से परीक्षा के दौरान उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
764 छात्र रहे अनुपस्थित-
सामाजिक विज्ञान की परीक्षा में शुक्रवार को 12 हजार 761 छात्र-छात्राओं को शामिल होना था। जिनमें से जिलेभर के 41 परीक्षा केंद्रों पर 11 हजार 997 छात्र-छात्राएं परीक्षा में शामिल हुए और इस परीक्षा में 764 छात्र-छात्राएं अनुपस्थित रहे। वहीं दसवी की परीक्षा में पहले ही पेपर में 813 छात्र-छात्राएं अनुपस्थित रहे थे। हालांकि इतनी बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं के परीक्षा से अनुपस्थित रहने का कारण अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है।