खास बात यह है कि म्याना स्थित एसबीआई की शाखा से जब किसानों ने जानकारी जुटाई तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। दरअसल, बैंक द्वारा बीमा कंपनी को जानकारी भेजी गई थी उसमें किसी किसान की जमीन पर किसी दूसरे किसान का नाम दर्ज निकला। यही नहीं इस दौरान खाता नंबर भी किसी अन्य किसान का दर्ज कर दिया। मामला सामने आने के बाद क्षेत्र के आधा सैकड़ा से भी ज्यादा किसानों ने म्याना स्थित एसबीआई की शाखा में हंगामा कर दिया।
क्षेत्र के मढऩा खिरिया, छापर, रूसल्ला खुर्द और डुंगासरा गांव के तमाम किसानों के किसान क्रेडिट कार्ड म्याना स्थित एसबीआई की शाखा से बने हैं। 2019 की खरीफ फसल अतिवृष्टि के कारण बुरी तरह बर्बाद हो गई थी। इस आधार पर ज्यादातर बैंकों में फसल बीमा का क्लेम किसानों को दिया। अकेले नईसराय स्थित मध्यांचल ग्रामीण बैंक की शाखा द्वारा ही चार करोड़ रूपए से ज्यादा फसल बीमा क्लेम की राशि किसानों को भुगतान की गई, लेकिन आरबीआई का प्रमुख धडा समझे जाने वाले एसबीआई की म्याना शाखा द्वारा किसानों को बीमा क्लेम की राशि का भुगतान ही नहीं किया। डुंगासरा निवासी शैलेन्द्र सिंह, विकास रघुवंशी, रूसल्ला निवासी अरविंद रघुवंशी, महमूदा निवासी देवेन्द्र सिंह, मढऩा खिरिया निवासी बृजेश सिंह के अलावा तमाम किसानों ने बताया कि उन्होंने बैंक अधिकारियों को फोन लगाया तो उन्होंने कहा कि जल्द ही बीमा राशि की राशि का भुगतान हो जाएगा। लेकिन जब लंबे समय तक बीमा राशि नहीं आई तो शाखा में पहुंचकर उन्होंने जानकारी जुटाई। इस दौरान सामने आया कि किसी किसान की जमीन पर कोई अन्य किसान का नाम दर्ज है। यह जानकारी लगते ही किसानों ने हंगामा कर दिया। मढऩा खिरिया निवासी बृजेश सिंह ने बताया कि उनकी जमीन नईसराय तहसील के मढऩा खिरिया गांव में स्थित है। लेकिन बीमा कंपनी को जानकारी भेजते समय उक्त जमीन कुंदौरा निवासी किसी उधम सिंह के नाम दर्ज कर दी। इसी तरह गोसपुर की भू स्वामी साधना रघुवंशी की जमीन खजूरी के मोहर सिंह के नाम पोर्टल पर भेजी गई जानकारी में दर्शा दी गई और 494 किसान बीमा राशि से वंचित रह गए।
ये बोले पीडि़त मेरी जमीन नईसराय तहसील के गोसपुर गांव में है। इस जमीन पर किसान क्रेडिट कार्ड भी बना हुआ है। 2019 की खरीफ फ सल अतिवृष्टि के कारण पूरी तरह से बर्बाद हो गई थी। इस पर सभी बैंकों द्वारा बीमा क्लेम की राशि का भुगतान किया गया। लेकिन जब हमारी राशि नहीं आई तो म्याना बैंक में जाकर देखा। जहां उनकी जमीन पर खजूरी निवासी किसी मोहर सिंह व्यक्ति का नाम दर्ज है। यह बैंक प्रबंधन की बड़ी लापरवाही है। इसी लापरवाही से उनको बीमा क्लेम नहीं मिल पाया।
साधना रघुवंशी मढऩा खिरिया साल 2016 में फसल बीमा राशि के मामले में भी म्याना स्थित एसबीआई की शाखा में बड़ी गड़बड़ी उजागर हुई थी। अब 2019 की फ सल बीमा राशि ने किसानों को फिर से उलझा दिया। 2016 की फ सल बीमा के मामले में वह कोर्ट से भी जीत गए। बावजूद इसके बीमा कंपनी द्वारा क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान नहीं किया। इस बार भी बैंक प्रबंधन ने मढऩा खिरिया गांव स्थित उनकी जमीन पर कुंदौरा गांव निवासी किसी उधम सिंह का नाम दर्ज कर दिया। यही कारण रहा िक इस बार भी उन्हे बीमा क्लेम की राशि का भुगतान नहीं हो सका।
बृजेश सिंह मढऩा खिरिया