ग्रामीणों ने खुद ही लोगों को घरों से बाहर निकालकर सुरक्षित जगह पहुंचाया, लेकिन पानी के बहाव में घरों से गृहस्थी का सामान और सैकड़ों बीघा जमीन से सोयाबीन की फसल उखड़कर बह गई। वहीं एक दर्जन परिवारों के मकान धंसककर गिरने की आशंका है, लेकिन शाम तक प्रशासन ने गांव में पहुंचकर सुध तक नहीं ली।
गुरुवार को हुई तेज बारिश से अखाईकृष्ण गांव में एक साल पहले बनी पुलिया टूट गई और मुख्यमंत्री सड़क भी बह गई, इससे पानी सीधा गांव में घुस गया। निचली बस्ती के कई घरों का अनाज और गृहस्थी का सामान पानी में बह गया, तो दो-तीन परिवारों ने बारिश में भीगते हुए अनाज और आटे की बोरियों को खटियों पर रख दरवाजों को पत्थर और मिट्टी से बंद कर बचाया।
गांव के शिवनारायण कुशवाह, सुमित्राबाई, मीनाबाई, बाबूलाल कुशवाह, कमलसिंह कुशवाह, ऊधमसिंह, कमलसिंह और विष्णु महाराज सहित एक दर्जन परिवारों के घर पानी भरने से गलने लगे हैं और उन्होंने अपने कच्चे घरों की अटारियों में छिपकर जान बचाई। बाद में लोगों ने पहुंचकर परिवारों को बाहर निकाला और मवेशियों सहित बिस्तर, आटा और ईंधन को निकालकर गांव में सुरक्षित जगह रखा।
ग्रामीणों का कहना है कि पानी के बहाव में कई घर गल गए हैं, जिनके अब धंसककर गिरने की आशंका है। इससे उनके पास रहने के लिए भी घर नहीं बचा। वहीं गांव में एक व्यक्ति पानी दिखाने के लिए बच्चों के साथ पानी में खड़ा हो गया, जहां बच्चे का पैर फिसल गया, इससे वह बहने से बचा।
साढ़े 13 फीट भरा अमाही
शहर की प्यास बुझाने वाला अमाही तालाब पूरी तरह से सूख चुका था, बारिश की देरी की वजह से पेयजल की समस्या देख जिम्मेदार अधिकारियों और प्रशासन की चिंताएं बढ़ गई थीं। गुरुवार को दो घंटे की बारिश से 22 फीट भराव क्षमता वाले अमाही तालाब में शाम पौने पांच बजे तक साढ़े 13 फीट पानी भर गया। जल संसाधन विभाग के इंजीनियर एसकेएस रघुवंशी के मुताबिक तालाब में 15 फीट पानी हो जाने से शहर को वर्षभर पेयजल मिलता है।
शहर की प्यास बुझाने वाला अमाही तालाब पूरी तरह से सूख चुका था, बारिश की देरी की वजह से पेयजल की समस्या देख जिम्मेदार अधिकारियों और प्रशासन की चिंताएं बढ़ गई थीं। गुरुवार को दो घंटे की बारिश से 22 फीट भराव क्षमता वाले अमाही तालाब में शाम पौने पांच बजे तक साढ़े 13 फीट पानी भर गया। जल संसाधन विभाग के इंजीनियर एसकेएस रघुवंशी के मुताबिक तालाब में 15 फीट पानी हो जाने से शहर को वर्षभर पेयजल मिलता है।
जिले की सूखी नदियां भी उफान पर
बेतवा को छोड़कर जिले की सभी छोटी-बड़ी नदियां गुरुवार सुबह तक सूखी पड़ी थीं, लेकिन गुरुवार को हुई बारिश से यह सूखी नदियां उफान पर आ गईं। भौंराखाती गांव की नदी उफान पर आने से पुलिया के ऊपर से पानी बहने लगा।
बेतवा को छोड़कर जिले की सभी छोटी-बड़ी नदियां गुरुवार सुबह तक सूखी पड़ी थीं, लेकिन गुरुवार को हुई बारिश से यह सूखी नदियां उफान पर आ गईं। भौंराखाती गांव की नदी उफान पर आने से पुलिया के ऊपर से पानी बहने लगा।
इससे करीब दो घंटे तक अशोकनगर-आरोन रोड बंद रहा और 30 गांवों का जिले से संपर्क कटा रहा। वहीं ढुड़ैर, गदूली, जारोली की नदियां उफान पर आ गईं। वहीं कोंचा नदी में भी बहाव तेज हो गया और इकोदिया पर बना अस्थाई पुल बहाव से क्षतिग्रस्त हो गया। सहायक नदियों के उफान पर आने से कैंथन नदी में भी उफान देखा गया। सूखी पड़ी ओर नदी में भी पानी भर गया।
आज फिर भारी बारिश की आशंका
जिले में अब तक 11.65 सेमी बारिश हो चुकी है। वहीं मौसम विभाग ने शुक्रवार को सुबह तक जिलेभर में भारी बारिश का अनुमान बताया है। मौसम अधिकारियोंका कहना है कि प्रदेशभर में मानसून सक्रिय है, इससे कई जिलों में भारी बारिश होने का अनुमान है।
जिले में अब तक 11.65 सेमी बारिश हो चुकी है। वहीं मौसम विभाग ने शुक्रवार को सुबह तक जिलेभर में भारी बारिश का अनुमान बताया है। मौसम अधिकारियोंका कहना है कि प्रदेशभर में मानसून सक्रिय है, इससे कई जिलों में भारी बारिश होने का अनुमान है।
दो घंटे की इस बारिश से जहां जिले भर में सूखने की कगार पर पहुंची खरीफ सीजन की फसलों को जीवनदान मिल गया। वहीं दिन के तापमान में भी गिरावट आई और दिन-रात के तापमान में सिर्फ 3 डिग्री सेल्सियस का अंतर रहा। दिन अधिकतम तापमान 27.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया